दुश्मन की धरती हिला देती है भारत की पृथ्वी-2 मिसाइल, जानिए इसकी ताकत

Prithvi-II मिसाइल. यानी मौत और तबाही का दूसरा नाम. भारतीय सेना और DRDO ने ओडिशा के चांदीपुर में इसका सफल परीक्षण किया. इससे टेस्ट से पहले इसका दो साल पूर्व परीक्षण किया गया था. आइए जानते है इस मिसाइल की रेंज, ताकत, गति और परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता.

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Prithvi-2 Missile: ओडिशा के चांदीपुर स्थित ITR से किया गया पृथ्वी-2 मिसाइल का परीक्षण. (फाइल फोटोः विकिपीडिया) Prithvi-2 Missile: ओडिशा के चांदीपुर स्थित ITR से किया गया पृथ्वी-2 मिसाइल का परीक्षण. (फाइल फोटोः विकिपीडिया)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2022,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST
  • किसी भी तरह का हथियार ले जाने में सक्षम
  • सटीकता 10 मीटर, रेंज 350 किलोमीटर है

पृथ्वी-2 (Prithvi-2) मिसाइल सिंगल स्टेज का लिक्विड ईंधन वाली मिसाइल है. जो अधिकतम 500 किलोग्राम वजनी हथियार ले जा सकता है. इसमें उच्च स्तर के विस्फोटक, छेद करने वाले, क्लस्टर बम, टुकड़े करने वाले, गर्मी पैदा करने वाले, रसायनिक और टैक्टिकल परमाणु हथियार लगाए जा सकते हैं. यानी किसी भी हथियार को लगाकर पृथ्वी-2 मिसाइल छोड़ दो, दुश्मन की धरती हिल जाएगी. 

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इस मिसाइल की शुरुआत 1983 में शुरु हुए इंटिग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) के तहत हुआ था. इस मिसाइल को प्रोजेक्ट डेविल (Project Devil) के अंतर्गत बनाया गया था. तीन मिसाइलें बनाई जानी थीं. पृथ्वी-1 भारतीय थल सेना के लिए. रेंज थी 150 किलोमीटर जिसमें 1000 किलोग्राम वजनी हथियार लगा सकते थे. पृथ्वी-2 भारतीय वायु सेना के लिए. रेंज थी 350 किलोमीटर, जिसमें 500 KG वजनी हथियार लगा सकते हैं. पृथ्वी-3 भारतीय नौसेना के लिए. 1000 KG वजनी हथियार उठाने वाली इस मिसाइल की रेंज 350 KM है. 

अब तक इस मिसाइल के करीब दो दर्जन सफल परीक्षण हो चुके हैं. (फोटोः डीआरडीओ)

पृथ्वी-2 (Prithvi-2) मिसाइल को स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड (Strategic Forces Command) संचालित करती है. इस मिसाइल का वजन 4600 किलोग्राम है. इसकी लंबाई 8.56 मीटर है. जबकि, व्यास 110 सेंटीमीटर है. पृथ्वी-2 की सटीक मारक रेंज 250 से 350 किलोमीटर है. यह स्ट्रैप डाउन इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम से चलती है. इसकी सटीकता 10 मीटर है. यानी दुश्मन अपने स्थान से हटकर 10 मीटर इधर-उधर भी जाता है तो मौत टाल नहीं सकता. 

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इस तरह के ट्रक लॉन्चर से दागी जाती है पृथ्वी-2 शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल. (फोटोः गेटी)

इसे लॉन्च करने के लिए 8x8 टाटा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर मोबाइल लॉन्चर से दागा जाता है. इसका पहला परीक्षण 1996 में  किया गया था. इसकी सबसे खास बात ये है कि ये किसी भी एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम (Anti-Ballistic Missile) को धोखा दे सकती है. अब तक इस मिसाइल के करीब दो दर्जन सफल परीक्षण हो चुके हैं. यानी यह मिसाइल किसी भी समय दुश्मन को बर्बाद करने के लिए तैयार है. 

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