आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के मारेडुमिल्ली और GM वालसा के जंगलों में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में सात नक्सली मारे गए. यह कार्रवाई मंगलवार से चल रहे संयुक्त ऑपरेशन का हिस्सा थी. राज्य के इंटेलिजेंस एडीजी महेश चंद्र लड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुष्टि की कि मुठभेड़ के दौरान चार पुरुष और तीन महिला नक्सली ढेर किए गए हैं और फील्ड से लगातार अपडेट मिल रहे हैं.
मारे गए नक्सलियों में संगठन का टॉप IED एक्सपर्ट मेट्टुरु जोगाराव उर्फ टेक शंकर भी शामिल है, जो आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी (AOBSZC) का महत्वपूर्ण सदस्य और तकनीकी संचालन का सबसे बड़ा जिम्मेदार माना जाता था. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, टेक शंकर ही वह कैडर था जिसने पिछले वर्षों में छत्तीसगढ़ और AOB क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर किए गए लगभग सभी बड़े लैंडमाइन और IED हमलों को डिजाइन और निष्पादित किया था.
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पुलिस ने बताया कि वह हथियार निर्माण, संचार प्रणाली और विस्फोटक उपकरणों की डिजाइनिंग में माहिर था, और इसी विशेषज्ञता के चलते वह संगठन की "टेक्निकल रीढ़" माना जाता था.
AOB क्षेत्र में फिर बढ़ रही नक्सल गतिविधि
पिछले कुछ महीनों से आंध्र–ओडिशा सीमा क्षेत्र में नक्सली गतिविधि में वृद्धि की सूचना मिल रही थी. इनपुट मिले थे कि नक्सली जंगलों के भीतर नए ठिकाने बना रहे हैं, कैडर को दोबारा सक्रिय कर रहे हैं और छत्तीसगढ़ की ओर से नए समूह राज्य की सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं.
इसी आधार पर आंध्र प्रदेश ग्रेहाउंड्स और अन्य एजेंसियों ने मंगलवार को एक बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप बुधवार सुबह GM वालसा इलाके में मुठभेड़ हुई.
पिछले ऑपरेशनों से जुटी जानकारी ने दिखाई राह
एडीजी लड्डा ने बताया कि 17 नवंबर को भी सुरक्षा बलों ने मारेडुमिल्ली क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई की थी, जिसमें कुख्यात नक्सली नेता हिड़मा सहित छह नक्सली मारे गए थे. उन्हीं से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर संयुक्त टीमों ने AOB क्षेत्र में फैले नक्सली नेटवर्क पर विशेष फोकस किया और लगातार कई जिलों में ऑपरेशन चलाए.
50 नक्सली गिरफ्तार-राज्य में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
एडीजी लड्डा ने जानकारी दी कि हाल के दिनों में NTR, कृष्णा, काकीनाडा, कोनसीमा और एलुरु जिलों से 50 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें केंद्रीय समिति, राज्य समिति, एरिया कमेटी और प्लाटून टीम के सदस्य शामिल हैं. यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर संगठन के कोर कैडर को एक साथ पकड़ा गया है.
हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद
सुरक्षा बलों ने अभियान के दौरान 45 हथियार, 272 कारतूस, दो मैगजीन, 750 ग्राम वायर और कई तकनीकी उपकरण व दस्तावेज बरामद किए हैं. एडीजी लड्डा ने कहा कि "फील्ड स्टाफ ने पूरी योजना के अनुसार, बिना किसी हानि के ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया है. इंटेलिजेंस विभाग ने लगातार नक्सलियों की गतिविधियों की निगरानी की और सही समय का इंतज़ार करने के बाद निर्णायक कार्रवाई की."
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क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियां हाई-अलर्ट पर
मुठभेड़ ऐसे समय में हुई है जब सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि छत्तीसगढ़ में दबाव बढ़ने के बाद कई नक्सली आंध्र प्रदेश की ओर शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं. सुरक्षा बल अब भी इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी रखे हुए हैं और अनुमान है कि कुछ और नक्सली समूह आसपास के जंगलों में छिपे हो सकते हैं. यह ऑपरेशन माओवादी संगठन के तकनीकी ढांचे और नेतृत्व पर एक बड़ा प्रहार माना जा रहा है और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता है.
जितेंद्र बहादुर सिंह