प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई में भारत-ब्रिटेन संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन के रिश्तों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. बीच आयात लागत जल्द ही घट जाएगी. साथ ही पीएम ने गाजा और यूक्रेन को लेकर भी बात की है. तो वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने स्टार्मर ने इंडियन स्वैग से अपने संबोधन शुरू कर वहां मौजूद लोगों को नमस्कार किया.
पीएम मोदी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर की पहली भारत यात्रा पर, आज मुंबई में उनका स्वागत करते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है. प्रधानमंत्री स्टार्मर के नेतृत्व में भारत और UK के रिश्तों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. इस वर्ष जुलाई में मेरी UK यात्रा के दौरान हमने ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA) पर सहमति बनाई थी. इस समझौते से दोनों देशों के आयात लागत में कमी आएगी, युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे, व्यापार बढ़ेगा और इसका लाभ हमारे उद्योगों और उपभोक्ताओं-दोनों को मिलेगा.
'भारत-ब्रिटेन नेचुरल पार्टनर्स'
पीएम ने कहा, 'भारत और यूके नेचुरल पार्टनर्स हैं. हमारे संबंधों की नींव में लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून का राज जैसे मूल्यों में साझा विश्वास है. मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के दौर में भारत और UK के बीच बढ़ती साझेदारी, वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण आधार बनी हुई है.'
पीएम ने वैश्विक अनिश्चितताओं का जिक्र करते हुए कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के वर्तमान दौर में भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में कार्य करती रहेगी. आज की बैठक में हमने हिंद-प्रशांत और पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता के साथ-साथ यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. भारत संवाद और कूटनीति से शांति की बहाली के सभी कोशिशों का समर्थन करता है. हम प्रशांत महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं.
भारत में 9 विश्वविद्यालय खोलेंगे कैंपस
पीएम ने कहा कि रक्षा और सुरक्षा से लेकर शिक्षा और नवाचार तक भारत और ब्रिटेन के संबंधों में नए आयाम जुड़ रहे हैं. आज प्रधानमंत्री स्टारमर के साथ शिक्षा क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली प्रतिनिधिमंडल भारत आया है. ये अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि ब्रिटेन के नौ विश्वविद्यालय अब भारत में अपने परिसर खोलने के लिए तैयार हैं. भारत की गतिशीलता और यूके की विशेषज्ञता मिलकर एक अद्वितीय तालमेल का निर्माण करती है. हमारी साझेदारी विश्वसनीय है और प्रतिभा व तकनीक से प्रेरित है.
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