ED अफसरों पर जानलेवा अटैक... बंगाल पुलिस ने दर्ज की 3 FIR

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां के समर्थकों ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमला कर दिया और उनके वाहनों में तोड़फोड़ की. इस घटना के बाद कांग्रेस ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.

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अधीर रंजन चौधरी ने की पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग अधीर रंजन चौधरी ने की पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST

पश्चिम बंगाल में छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के समर्थकों द्वारा हमला किए जाने के बाद यहां का सियासी पारा चढ़ गया है.  जिस समय ईडी की टीम को हमला कर निशाना बनाया गया, उस समय ED अधिकारियों के साथ CRPF के सिर्फ 27 जवान थे.  हमले में 3 अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं. ED अधिकारियों ने कहा कि हमले के दौरान भीड़ ने उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी और वॉलेट भी छीन लिया. इस मामले में बंगाल पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज की हैं.

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कांग्रेस बोली- बंगाल में लगे राष्ट्रपति शासन

इस घटना के बाद विपक्ष ने जहां एक ओर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है, वहीं दूसरी ओर राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस ने भी संकेत दिया है कि वह सभी संवैधानिक विकल्पों पर विचार करेंगे और मामले पर उचित कार्रवाई करेंगे. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए कहा, ' ईडी अधिकारियों पर हमले हो रहे हैं .राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए यह उपयुक्त केस है. पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है.'

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली में हुई घटना को संघीय ढांचे पर सीधा हमला बताया है जबकि कांग्रेस ने राज्य में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने  ममता बनर्जी की तुलना किम जोंग से कर दी. ईडी टीम पर हमले को लेकर पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि इसमें रोहिंग्या का हाथ है. उन्होंने कहा कि आगे बंगालियों के साथ भी यही होने वाला है. वहीं ईडी हमले पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने इसे राज्य के संघीय ढांचे पर हमला बताया है.

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टीएमसी ने आरोप किए खारिज

हालांकि, सत्तारूढ़ टीएमसी ने आरोपों को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को उकसाया. यह घटना तब हुई जब ईडी अधिकारियों ने तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के आवास पर छापेमारी की और उन्हें शाहजहां के समर्थकों के हमलों का सामना करना पड़ा। समर्थकों ने अधिकारियों और उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाया. शाहजहां को राज्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी सहयोगी माना जाता है. ज्योतिप्रिय मल्लिक को करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.

एक अधिकारी ने बताया कि जब ईडी अधिकारी सुबह संदेशखली इलाके में शेख के आवास पर पहुंचे तो बड़ी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने ईडी अधिकारियों और उनके साथ आए केंद्रीय बलों के जवानों को घेर लिया. इसके बाद उन्होंने प्रदर्शन किया और फिर उन पर हमला कर दिया जिसके बाद अधिकारियों को ऑटो रिक्शा और दो पहिया वाहन पर सवार होकर वहां से जाने पर मजबूर होना पड़ा.

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