विमानों में फर्जी बम की धमकी देने वाला जगदीश उइके पुलिस के रडार पर, पढ़ें Inside Story

भारत में विमानों को बम धमकियों ने एविएशन सेक्टर को हिलाकर रख दिया है. महाराष्ट्र के जगदीश उइके का नाम संदेह के घेरे में है. फर्जी धमकियों से गंभीर सुरक्षा चिंता पैदा हुई है, जिससे यात्री भी डरे हुए हैं और एयरलाइनों को नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है.

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फ्लाइट (फाइल) फ्लाइट (फाइल)

बिदिशा साहा / शुभम तिवारी / आकाश शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 11:41 AM IST

भारत में पिछले कुछ दिनों से विमानों में बम होने की लगातार धमकियां मिल रही हैं. धमकियों ने विमान कंपनियों की नींद उड़ा रखी है. इस बीच महाराष्ट्र के गोंदिया के जगदीश उइके नाम के एक शख्स की संदिग्ध के रूप में पहचान की गई है, लेकिन वह पुलिस की रडार पर क्यों आया?

नागपुर के पुलिस कमिश्नर रवींद्र सिंघल ने बताया कि टेक्निकल टीम द्वारा जांच के दौरान उसका नाम सामने आया था. उन्होंने कहा, "उसने धमकी के बारे में कुछ ईमेल भेजे थे. हम उसकी भूमिका की जांच कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उस पर मामला दर्ज नहीं किया गया है या उसे हिरासत में नहीं लिया गया है."

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कई एजेंसियां ​​हाल के महीनों में सैकड़ों उड़ानों, स्कूलों और मॉल को जारी किए गए फर्जी बम कॉल की जांच कर रही हैं. इन धमकियों की वजह से कई विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी है, एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लागू करना पड़ा है और यहां तक की विमानों का कैंसिलेशन भी हुआ है.

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सोशल मीडिया प्रोफाइल और उसके ऑनलाइन फुटप्रिंट का विश्लेषण

इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम द्वारा किए गए उइके के सोशल मीडिया प्रोफाइल और उसके ऑनलाइन फुटप्रिंट का विश्लेषण 36 वर्षीय आदिवासी शख्स की अलग ही कहानी बयां करते हैं. विश्लेषण के दौरान पता चला कि वह पहले राष्ट्रपति भवन से 200 करोड़ की डिमांड कर चुका है. यह डिमांड उसने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा कथित रूप से तिरंगे के अपमान की भरपाई के लिए की थी. इतना ही नहीं जांच के दौरान एक काल्पनिक मोबाइल एप में उसकी कम से कम 1000 करोड़ की हिस्सेदारी और आतंकवाद को खत्म करने के सुझावों वाली एक किताब का भी पता चला.

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इंडिया टुडे ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को लिखे गए कई ईमेल का पता लगाया, जिसमें आतंकवाद से जुड़े “गुप्त कोड” शेयर करने जैसे उद्देश्यों के लिए मिलने पर जोर दिया गया था. जुलाई 2023 में उइके ने एक किताब प्रकाशित की, जिसका नाम था "आतंकवाद: एक तूफानी राक्षस". इसमें आतंकवाद को खत्म करने के तरीके बताए गए हैं, जिसमें 1960 से पहले अपनी नागरिकता स्थापित नहीं कर पाने वाले सभी लोगों को निष्कासित करना या मारना और चुनावों में मुफ्त में मिलने वाली चीजों को रोकना शामिल है.

उसकी किताब में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा हस्ताक्षरित एक रिकमांडेशन भी है. टाइपो और राइटिंग स्टाइल से संकेत मिलता है कि इसे फर्जी तरीके से बनाया गया है. किताब के भोपाल स्थित प्रकाशक नित्या प्रकाशन ने इंडिया टुडे को बताया कि पुस्तक का विमोचन एक वरिष्ठ नेता द्वारा किया जाना था. पब्लिकेशन के जेके सिंह चौहान ने बताया, "चूंकि यह संभव नहीं हो पाया, इसलिए इसे अमेजन पर लॉन्च करने का फैसला किया गया. हमने एक भी कॉपी नहीं छापी."

2014 से अलग-अलग पत्रों में, उसने "कोड पर चर्चा करने के लिए" प्रधानमंत्री और देवेंद्र फडणवीस से मिलने पर जोर दिया था और धमकी दी कि जब तक उन्हें यह जानकारी पेश करने का मौका नहीं दिया जाता, वे विरोध करेंगे. उसकी नई किताब "मिशन 3" का उद्देश्य भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाना, सोने की मुर्गी के रूप में इसके गौरव को दोबारा हासिल करना और लोगों को अपनी कमाई का कुछ हिस्सा देश को दान करने के लिए प्रोत्साहित करके मानव जाति को बदलने पर आधारित है.

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जल्द मशहूर होने की कोशिश

जगदीश उइके ने जल्द मशहूर होने के लिए कई कोशिशें की है. नेशनल हेडलाइन बनने वाली लगभग तमाम खबरों में उसका कमेंट रहा है. जब नेशनल मीडिया में "अर्बन नक्सल" की बहस चल रही थी, तो उसने गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा था जिसमें दावा किया गया था कि एक नक्सली नेता ने उसकी शार्प सोंच की क्षमता को देखते हुए अपने साथ शामिल होने के लिए कथित तौर पर 500 करोड़ रुपये की पेशकश की थी.

2021 के मध्य में जब कोविड-19 से निपटने को लेकर भारत को बदनाम करने के लिए कथित "टूलकिट" को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी चल रही थी, तब उइके ने दावा किया कि दिल्ली में बीजेपी नेताओं द्वारा "टूलकिट" के बारे में खुलासे उसके द्वारा केंद्र सरकार को दी गई जानकारी के आधार पर किए गए थे और इस पर ज्यादा जानकारी के लिए उसने प्रधानमंत्री से मिलने की अपील की थी.

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2019 में उसके एक एक्स प्रोफाइल पर पोस्ट में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को संबोधित 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर लिखा एक पत्र भी है, जिसमें राहुल गांधी से आतंकवादी मसूद अजहर को संबोधित करते समय "जी" का इस्तेमाल करने के लिए जनता से माफी मांगने की मांग की गई है, जिसे उसने भारतीय सैनिकों के अपमान के बराबर बताया.

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फर्जी धमकियों का सिलसिला

 पिछले 16 दिनों में 500 से ज्यादा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल विमानों को बम से उड़ाने की धमकियां मिली हैं, जिससे एविएशन सेक्टर में काफी दहशत पैदा हुआ है. एयरलाइनों को हजारों डॉलर का नुकसान हुआ है और यात्रियों में भी दहशत और चिंता की स्थिति पैदा हुई है.

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