बिहार वोटर वेरिफिकेशन केस पर सुनवाई को तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट, गुरुवार को सुनी जाएंगी दलीलें

याचिकाकर्ताओं की मांग है कि इस संशोधन प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए. उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई आज या कल की जाए क्योंकि चुनाव आयोग की ओर से निर्धारित समयसीमा बहुत कम है. 25 जुलाई तक की समय-सीमा में राज्य भर में बड़े पैमाने पर नाम हटाने की प्रक्रिया चल रही है.

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 बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट अपडेट करने का अभियान चलाया (सांकेतिक तस्वीर) बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट अपडेट करने का अभियान चलाया (सांकेतिक तस्वीर)

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:48 AM IST

बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के तहत मतदाता सूची से लाखों नाम हटाए जाने की आशंका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं. सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गया है.

कपिल सिब्बल के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, शादाब फरासत और गोपाल शंकरनारायणन ने सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया से लाखों लोगों, खासकर महिलाओं और गरीब तबके के लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की आशंका है.

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संशोधन प्रक्रिया पर तत्काल रोक की मांग

याचिकाकर्ताओं की मांग है कि इस संशोधन प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए. उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई आज या कल की जाए क्योंकि चुनाव आयोग की ओर से निर्धारित समयसीमा बहुत कम है. 25 जुलाई तक की समय-सीमा में राज्य भर में बड़े पैमाने पर नाम हटाने की प्रक्रिया चल रही है.

यह भी पढ़ें: बिहार के वोटर हैं तो तुरंत कर लें ये काम, वरना चुनाव में नहीं दे पाएंगे वोट, वोटर लिस्ट से जुड़ी वो हर जानकारी जो आप जानना चाहते हैं

याचिकाकर्ताओं में शामिल ये नाम

याचिकाकर्ताओं में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, महुआ मोइत्रा, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR), पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) शामिल हैं. इन सभी ने इस प्रक्रिया को असंवैधानिक और जनविरोधी बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

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गुरुवार को होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर भारत निर्वाचन आयोग (ECI) को कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है. हालांकि कोर्ट गुरुवार को सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी याचिकाओं की एडवांस कॉपियां निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार को सौंपें ताकि संबंधित पक्ष सुनवाई के लिए पूरी तैयारी के साथ उपस्थित हो सकें.

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