'कैंसर और किडनी को खतरा...', अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर बोलीं आतिशी

AAP नेता आतिशी का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट मे एक याचिका दायर की है. उन्होंने अपनी अंतरिम जमानत को सात दिन बढ़ाने के लिए याचिका दायर की है. जैसे जानते है कि जब अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था तो उनका सात किलो वजन एकदम से घट गया था. उनका वो वजन अभी तक बढ़ा नहीं है. उनका ये वजन क्यों घटा है, डॉक्टरों को इसकी वजह अभी तक पता नहीं चली.

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आतिशी और अरविंद केजरीवाल आतिशी और अरविंद केजरीवाल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2024,
  • अपडेटेड 3:16 PM IST

शराब घोटाले मामले में गिरफ्तार हो चुके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जमानत पर बाहर हैं. उनकी जमानत अवधि एक जून को समाप्त हो रही है. ऐसे में उन्हें दो जून को दोबारा जेल जाना पड़ सकता है. इस बीच केजरीवाल ने अपनी जमानत अवधि सात दिन बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. ऐसे में आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर बड़ा बयान दिया है.

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AAP नेता आतिशी का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट मे एक याचिका दायर की है. उन्होंने अपनी अंतरिम जमानत को सात दिन बढ़ाने के लिए याचिका दायर की है. जैसे जानते है कि जब अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था तो उनका सात किलो वजन एकदम से घट गया था. उनका वो वजन अभी तक बढ़ा नहीं है. उनका ये वजन क्यों घटा है, डॉक्टरों को इसकी वजह अभी तक पता नहीं चली. उन्होंने कई टेस्ट कराए हैं, जिनमें उनका कीटोन (Ketone) लेवल बहुत अधिक पाया गया है. वजन घटना, कीटोन का पाया जाना बहुत ही गंभीर बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं, ऐसा डॉक्टर कह रहे हैं.

उन्होंने कहा कि ये किडनी में गंभीर समस्या के लक्षण हो सकते हैं, यहां तक कि ये कैंसर के भी लक्षण हो सकते हैं. इसलिए डॉक्टरों का मानना है कि केजरीवाल को अभी बहुत सारे टेस्ट कराने की जरूरत है जिनमें PET स्कैन और सीटी स्कैन सहित पूरे शरीर का टेस्ट कराने की जरूरत है. इसलिए केजरीवाल ने अपनी जमानत अवधि को सात दिन आगे बढ़ाने के लिए कि ये सारे टेस्ट हो सके. कोर्ट में ये अर्जी डाली है.

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क्या है दिल्ली का कथित शराब घोटाला?

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया था. नई पॉलिसी के तहत शराब कारोबार से सरकार बाहर आ गई और पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई थीं.

दिल्ली सरकार का दावा था कि नई शराब नीति से माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी. हालांकि, ये नीति शुरू से ही विवादों में रही और जब बवाल ज्यादा बढ़ गया तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया. कथित शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था.

इस रिपोर्ट में उन्होंने मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे. दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इसके बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया. इसमें पैसों की हेराफेरी का आरोप भी लगा इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी केस दर्ज कर लिया.

मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया था. मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था. आरोप लगाया गया कि नई नीति के जरिए लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया.

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रिपोर्ट में आरोप लगाया कि कोविड का बहाना बनाकर मनमाने तरीके से 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी. एयरपोर्ट जोन के लाइसेंसधारियों को भी 30 करोड़ लौटा दिए गए, जबकि ये रकम जब्त की जानी थी.

केजरीवाल को 10 मई को मिली थी जमानत

सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को 10 मई को अंतरिम जमानत मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने के लिए एक जून तक की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. उन्हें 2 जून को सरेंडर करना होगा. केजरीवाल को कुछ शर्तों पर रिहा किया गया था. इन शर्तों में एक शर्त इस केस को लेकर कोई बात न करने की भी थी.

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. दिल्ली के कथित शराब घोटाले में केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.

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