लंबे समय तक नहीं दिया गया सरदार पटेल को भारत रत्न, विरासत मिटाने की हुई कोशिश: अमित शाह

सरदार पटेल की जन्म जयंती के मौके पर हर साल 31 अक्टूबर को एकता दौड़ का आयोजन देश भर में किया जाता है, लेकिन दीपावली की वजह से इस बार 29 अक्टूबर को ही एकता दौड़ हो रही है. इस मौके पर गृहमंत्री ने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि सरदार पटेल को उनके निधन के दशकों बाद भारत रत्न दिया गया.

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एकता दौड़ इस बार 29 अक्टूबर को आयोजित किया गया  एकता दौड़ इस बार 29 अक्टूबर को आयोजित किया गया

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 11:26 AM IST

सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म जयंती पर होने वाली 'एकता दौड़' इस बार दीपावली की वजह से 31 अक्टूबर की जगह 29 अक्टूबर को ही आयोजित की गई. इस मौके पर गृहमंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित एकता दौड़ के उपलक्ष्य में कहा कि भारत आज एक मजबूत राष्ट्र बना है. इसमें सरदार पटेल का बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने आगे कहा कि सरदार ने 553 रजवाड़ों को अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के दम पर इकट्ठा किया. आज उनकी बदौलत ही भारत अखंड है.

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गृहमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने 'एक भारत' की नींव रखी और लक्षद्वीप, जूनागढ़ जैसे राज्य को भारत में मिलाया. कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा कि आज एकता दौड़ सिर्फ भारत की एकता का संकल्प नहीं रहा है बल्कि विकसित भारत का संकल्प भी बन चुका है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को 2047 तक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प रखा है.

सालों बाद मिला पटेल को भारत रत्न
अमित शाह ने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि सरदार पटेल को सालों तक भुलाने का प्रयास किया गया और सालों तक उनको भारत रत्न जैसे सम्मान से वंचित रखा गया. जब हमारी सरकार आई तो प्रधानमंत्री मोदी ने केवड़िया में सरदार पटेल को बड़ा सम्मान दिया. वहां 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' बनाया. 

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने सरदार पटेल के सपनों को साकार करने का भी काम किया. गृहमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री जी का कहना है कि सभी युवाओं को सरदार साहब के विचार को ध्यान में रखकर आगे बढ़ना चाहिए और एकता दौड़ के माध्यम से भारत को पूर्ण विकसित करने का संकल्प लेना चाहिए. बता दें कि सरदार पटेल को उनके निधन के लगभग चार दशक बाद 1991 में भारत रत्न दिया गया था.

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2014 से हो रही है 'एकता दौड़' 
सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था. पटेल को भारत के लौह पुरुष और भारत के बिस्मार्क के नाम से भी जाना जाता है. साल 2014 में जब पहली बार केंद्र नरेंद्र मोदी के नेतृत्व सरकार बनी, उसके बाद अक्टूबर 2014 में पहली बार सरदार पटेल की जयंती पर एकता दौड़ का आयोजन किया गया, जिसके बाद से प्रत्येक साल सरदार पटेल की जयंती पर एकता दौड़ आयोजित किया जाता है.

31 अक्टूबर 2018 को, उनकी जयंती के मौके पर, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन किया गया. इस बार 31 अक्टूबर को दीपावली है इसीलिए एकता दौड़ को 29 तारीख को ही रखा गया.

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