जम्मू और कश्मीर में बदले नियम, दूसरे राज्य के पुरुष भी बनेंगे स्थानीय निवासी

जम्मू और कश्मीर की महिला ने अगर दूसरे राज्य के निवासी से शादी की है तो पति और बच्चे भी अब स्थायी निवासी का दर्जा हासिल कर सकते हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने स्थानीय निवासी संबंधी नियमों में बड़ा बदलाव किया है.

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जम्मू और कश्मीर में बदले स्थानीय निवासी संबंधी नियम (तस्वीर-PTI) जम्मू और कश्मीर में बदले स्थानीय निवासी संबंधी नियम (तस्वीर-PTI)

सुनील जी भट्ट

  • श्रीनगर,
  • 21 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 9:09 AM IST
  • स्थानीय निवासी के नियमों बदलाव
  • दूसरे राज्यों के पुरुष भी बन सकते हैं निवासी
  • अनुच्छेद 35 ए हटने का बाद नया नियम

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने लैंगिक असमानता खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. प्रशासन ने जम्मू और कश्मीर के स्थानीय निवासी बनने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. नए नियमों के मुताबिक अब दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग, जिन्होंने कश्मीरी महिला से शादी की है, उनके बच्चे भी कश्मीर के स्थायी निवासी बन सकते हैं.

जम्मू और कश्मीर में जब तक अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए लागू था, तब तक ऐसी दशा में सिर्फ महिला ही कश्मीर की स्थायी निवासी रहती, उसके बच्चों और पति को इस दायरे से बाहर रखा गया था. अगर कश्मीरी पुरुष किसी महिला से शादी करता था तो उसे और उसके बच्चों को स्थायी निवासी माना जाता था

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वहीं पुरुषों के सबंध में इस नियम के पूर्व ढील मिली हुई थी. वे किसी भी दूसरे राज्य की महिला से शादी कर सकते थे, उससे होने वाले बच्चे कश्मीर के स्थायी निवासी ही माने जाते. कहा जा रहा है कि प्रशासन का यह कदम लैंगिक असमानता खत्म करने के लिए है. जम्मू और कश्मीर प्रशासन की ओर से यह अधिसूचना 20 जुलाई, 2021 को जारी की गई है.

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प्रशासन की ओर से जारी आदेश.

अनुच्छेद 35 ए से मिलता था स्थानीय निवासी होने का अधिकार

दरअसल संविधान का अनुच्छेद 35 ए से जम्मू-कश्मीर की सरकार और वहां की विधानसभा को ही स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार मिलता था. राज्य सरकार को पहले यह अधिकार था कि देश के बाकी हिस्सों के नागरिकों को स्थानीय निवासी का अधिकार दे या नहीं.  अनुच्छेद 35 एक, अनुच्छेद 370 का एक हिस्सा था, जिसके चलते किसी भी दूसरे राज्य का नागरिक, जम्मू और कश्मीर में न संपत्ति खरीद सकता था, न ही स्थायी नागरिक बनकर रह सकता था. 

 

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370 हटने के बाद हो रहे बदलाव

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को इस धारा को हटाने का प्रस्ताव रखा था. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन का प्रस्ताव पेश किया था. 6 अगस्त को इसी प्रस्ताव को लोकसभा में रखा गया था, जो दोनों सदनों में चर्चा के बाद पास हो गया था. अनुच्छेद 370 और 35 ए को रद्द कर दिया गया था.इस अनुच्छेद की वजह से देश के कई कानून जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं होते थे. अब इन अनुच्छेदों के हटने के बाद से ही लगातार जम्मू और कश्मीर के नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं.
 

 

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