दिवाली पर दिल्ली में खूब छलके जाम, एक दिन में 54 करोड़ की बिकी शराब

सरकारी आंकड़े के मुताबिक इस साल सिर्फ दिवाली के एक दिन पहले 54 करोड रुपए की शराब की बिक्री हुई. दिवाली से पहले के 15 दिनों मे औसतन रोज 31 करोड़ रुपए की शराब दिल्ली में बिकी. कमाई की बात करें तो दिवाली से पहले के लगभग 15 दिनों में दिल्ली सरकार ने शराब बेचकर 525 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर ली.

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दिवाली के मौके पर दिल्ली में खूब बिकी शराब (प्रतीकात्मक तस्वीर) दिवाली के मौके पर दिल्ली में खूब बिकी शराब (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कुमार कुणाल

  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:53 PM IST

देश की राजधानी दिल्ली में इस साल दिवाली का जश्न लोगों ने जमकर मनाया. पटाखे की आवाज और धुआं तो सब ने सुना और देखा, लेकिन पार्टी और मौज मस्ती भी जमकर हुई. इसका तस्दीक करते हैं वह आंकड़े जो शराब की सेल से मिल रहे हैं. इस साल सिर्फ दिवाली के एक दिन पहले 54 करोड रुपए की शराब की बिक्री हुई. दिवाली से पहले के 15 दिनों मे औसतन रोज 31 करोड़ रुपए की शराब दिल्ली में बिकी. कमाई की बात करें तो दिवाली से पहले के लगभग 15 दिनों में दिल्ली सरकार ने शराब बेचकर 525 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर ली.

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शराब बिक्री में 40 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी

पिछले साल की तुलना में आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल न सिर्फ कमाई बढ़ी है, बल्कि दारू की बोतलों की बिक्री में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. दिवाली से पहले के पखवाड़े यानी 15 दिनों में 3 करोड़ 5 लाख बोतलें सिर्फ राजधानी दिल्ली में सरकारी दुकानों के जरिए बेची गईं. दिवाली यूं तो ड्राई डे होता है, लेकिन उससे एक दिन पहले यानी 11 नवंबर शनिवार को लगभग 27 लाख 83 हजार बोतलें एक दिन में लोगों ने खरीदीं. 

पिछली साल क्या रहा आंकड़ा?

वहीं पिछले साल दिवाली से पहले के 15 दिनों में लगभग 2 करोड़ 12 लाख शराब की बोतलें बिकीं थीं. पिछले साल इन दिनों में औसतन जहां 12 लाख 44 हजार बोतलें बिक पाईं थीं तो वहीं इस साल हर रोज 17 लाख 93 हजार बोतलों का औसत दर्ज किया गया. पिछले साल की तुलना में बढ़ोत्तरी लगभग 45 फीसदी की रही.

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क्यों हुई दिल्ली में इस साल दिवाली पर शराब की महासेल?

दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले की बात सामने आने के बाद कई ब्रांड की शराब दिल्ली में उपलब्ध नहीं है, फिर भी बिक्री में ऐसा इजाफा लोगों को चौंका रहा है. दरअसल पिछले साल सरकारी दुकानें बड़ी तादाद में खुल नहीं पाईं थीं. क्योंकि शराब नीति में बदलाव कुछ महीने पहले ही हुआ था. पिछली बार जहां महज 450 दुकानें थीं, वहीं इस साल दुकानों की संख्या बढ़कर 625 के आस-पास पहुंच गई है.

दूसरी तरफ हरियाणा और यूपी में बिकने वाली सस्ती शराब की क्वालिटी के बारे में लगातार शिकायतें आ रहीं हैं. ये भी दिल्ली के सुपरसेल के पीछ बड़ी वजह है. आखिरी वजह कम दिलचस्प नहीं है और वो ये कि दिवाली से कुछ दिन पहले ही बारिश हुई और मौसम खुशनुमा हो गया और इसलिए भी शराब की बिक्री में तेजी दर्ज की गई.

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