लाल किला के पास ब्लास्ट मामले की जांच में अब एक संभावित तुर्की कनेक्शन सामने आया है. सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार डॉक्टर मॉड्यूल के दो सदस्य डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल के पासपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि दोनों ने टेलीग्राम ग्रुप्स से जुड़ने के तुरंत बाद तुर्की की यात्रा की थी. एजेंसियों को संदेह है कि यह यात्रा आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क से जुड़ी हो सकती है.
सूत्रों ने बताया कि तुर्की से लौटने के बाद दोनों डॉक्टरों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय होने की योजना बनाई. जैश हैंडलर ने उन्हें निर्देश दिया था कि मॉड्यूल के सदस्य देशभर में फैल जाएं ताकि किसी एक जगह का फोकस न बने. इसी निर्देश के बाद उन्होंने फरीदाबाद, सहारनपुर और अन्य स्थानों को चुना.
यह भी पढ़ें: दिल्ली ब्लास्ट का टॉप एंगल VIDEO आया सामने... भीड़ में घुसती उमर की कार और हो गया जोरदार धमाका
जांच एजेंसियों को शक है कि तुर्की यात्रा के दौरान ही इन दोनों को ऑपरेशन से जुड़े निर्देश मिले थे. यह भी जांच का हिस्सा है कि क्या उन्होंने वहां किसी विदेशी संपर्क से मुलाकात की या किसी प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया था.
सूत्रों के अनुसार, जांच अब एक अहम मोड़ पर है और एजेंसियां जैश हैंडलर की पहचान के बेहद करीब पहुंच चुकी हैं. मामले से जुड़ी डिजिटल कम्युनिकेशन की गहराई से पड़ताल की जा रही है.
यह भी पढ़ें: दिल्ली ब्लास्ट: परवेज अंसारी के घर से 6 की-पैड मोबाइल और इंटरनेशनल सिम बरामद, विदेशी आकाओं से करता था बात
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियां रेड फोर्ट क्षेत्र के मोबाइल टावर डेटा डंप का विश्लेषण कर रही हैं. यह डेटा 3:00 से 6:30 बजे तक का है - जब डॉ. उमर ने कथित रूप से आई-20 कार को बाहर निकाला था. इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि उस दौरान उन्होंने किनसे संपर्क किया या कौन-से कॉल और चैट एक्टिव थे.
कमलजीत संधू