मानहानि केस में बहस, एमजे अकबर के वकील की दलील- यौन उत्पीड़न का मामला नहीं

एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने कहा कि उनके मुवक्किल पर आरोप लगाने वाली प्रिया रमानी ने कल तक अकबर को अपना प्रोफेशनल हीरो बताया. रमानी के आरोपों का सच्चाई से कोई संबंध नहीं है.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर (फाइल फोटोः पीटीआई) पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर (फाइल फोटोः पीटीआई)

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:44 AM IST
  • कहा- रमानी के ट्वीट से खराब हुई प्रतिष्ठा
  • रमानी को अदालत में आना चाहिए था 
  • एमजे अकबर पर लगे थे यौन उत्पीड़न के आरोप

पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मामला दाखिल कर रखा है. अकबर की ओर से दाखिल किए गए मानहानि के मामले मंगलवार को बहस हुई. राउज एवेन्यू कोर्ट में बहस के दौरान एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने दलील दी कि यह मामला यौन उत्पीड़न का नहीं है, बल्कि उनकी प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है. फिलहाल इस मानहानि मामले में कोर्ट को यह तय करना है कि प्रिया रमानी के ट्वीट से उनकी प्रतिष्ठा खराब हुई है या नहीं.

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राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज रवीन्द्र कुमार पांडेय के सामने एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने कहा कि उनके मुवक्किल पर आरोप लगाने वाली प्रिया रमानी ने कल तक अकबर को अपना प्रोफेशनल हीरो बताया. रमानी के आरोपों का सच्चाई से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने यह दलील भी दी कि यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली अन्य महिलाओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई न करना मौजूदा कार्यवाही में कानूनी बचाव का आधार नहीं बनाया जा सकता.

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प्रिया रमानी द्वारा बताई गई किसी भी महिला ने भी एमजे अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के लिए आपराधिक शिकायत अब तक दर्ज नहीं कराई. वकील गीता लूथरा ने कहा कि रमानी की ओर से उनके मुवक्किल पर कोर्ट में धोखाधड़ी का आरोप लगाने पर भी एक और मानहानि का मामला दाखिल किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि एमजे अकबर एक सम्मानित व्यक्ति हैं और इसी कारण वे संसद के सदस्य बने. एक व्यक्ति का बेदाग नाम उन्हें पेशेवर नायक बनाता है. एमजे अकबर ने ये प्रतिष्ठा वर्षों की कड़ी मेहनत से अर्जित की है. रमानी को सोशल मीडिया में आरोप लगाने की अपेक्षा अदालत में आना चाहिए था. फिलहाल राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 24 दिसंबर की तारीख तय की है.

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गौरतलब है कि MeToo कैंपेन के तहत पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण के आरोप उनके साथ काम करने वाली महिला पत्रकारों ने ही लगाए थे. करीब 20 महिला पत्रकारों ने उन पर छेड़खानी के आरोप लगाए थे. अकबर को इसके चलते अपने मंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद एमजे अकबर ने सबसे पहले आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस किया था. अक्टूबर 2018 में किए गए इस मानहानि के मामले में जब सुनवाई आखिरी दौर में थी तो उस वक्त जज बदल गए. इस वजह से इस मामले की सुनवाई अब फिर से हो रही है.

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