भक्त चरण को 'भकचोन्हर' कहने पर लालू यादव घिरे, विपक्ष ने ठहराया दलित विरोधी 

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव द्वारा कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण को 'भकचोन्हर'कहने के बाद से सूबे के सियासत गर्मा गई है. लालू यादव घिर गए हैं और आरजेडी बैकफुट पर खड़ी नजर आ रही है. कांग्रेस से लेकर जेडीयू सहित तमाम विपक्षी दल लालू यादव को दलित विरोधी ठहराने में जुट गए हैं. 

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आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 26 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 4:02 PM IST
  • भक्त चरण पर बयान देकर घिरे लालू यादव
  • लालू को दलित विरोध बताने में जुटा विपक्ष

बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. उपचुनाव में दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोकने के बाद से सियासी तपिश गर्मा गई है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव द्वारा कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण को 'भकचोन्हर'कहने के बाद से सूबे के सियासत गर्मा गई है. कांग्रेस से लेकर जेडीयू सहित तमाम विपक्षी दल लालू यादव को दलित विरोधी ठहराने में जुट गए हैं. 

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दरअसल, दिल्ली से पटना आने के वक्त लालू यादव ने बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास को को 'भकचोन्हर' कहकर संबोधित किया. भोजपुरी में 'भकचोन्हर' का मतलब बेवकूफ होता है. लालू यादव के इस बयान पर सभी दलों ने एक सुर में विरोध जताया है, क्योंकि बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास दलित हैं. ऐसे में अब लालू के बयान को दलितों से जोड़ा जा रहा है. 

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि एक सम्मानित नेता ने बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है. बिहार और देश के दलित समुदाय के स्वाभिमान को इस बयान ने ठेस पहुंचाई है और एससी-एसटी अधिनियम के तहत अपराध के रूप में इसे माना जाना चाहिए. 

कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने भक्त चरण दास के लिए अपमानित शब्द इस्तेमाल किया तो वो कुछ और नहीं बल्कि अपने दलित विरोधी चरित्र का परिचिय दिया है. लालू यादव हमेशा से दलितों का अपमान करते रहे हैं,  चाहे वो राम सुंदर दास हों या रामविलास पासवान. लालू दलित नेताओं को काली बिलार, मौसम वैज्ञानिक और अब भकचोन्हर जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर अपनी दलित विरोधी मानसिकता का परिचय हर समय दिया है. 

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जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने भी लालू यादव के बयान पर अपनी टिप्पणी की. लालू यादव के बयान को उन्होंने अनुसूचित जाति का अपमान बताया है. इसके साथ ही अशोक चौधरी ने कहा कि आरजेडी के शासन में किस तरह से अनुसूचित जातियों का नरसंहार हुआ, यह सभी जानते हैं. इतना ही नहीं, चौधरी ने तो यह भी कह दिया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अनुसूचित जाति के हैं इसलिए आरजेडी ने उनके कार्यक्रम का बहिष्कार किया था.  

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी लालू यादव से सवाल करते हुए पूछा कि आखिर आप को अनुसूचित जाति से इतनी नफरत क्यों है. उन्होंने कहा कि भक्त चरण दास दलित समाज से आते हैं इसलिए आप उन्हें अपमानित करेंगे. बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने भी लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के बिहार प्रभारी और दलित नेता भक्त चरण दास के लिए जैसे अभद्र शब्द का प्रयोग किया, वह निंदनीय है. 

वहीं, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कांग्रेस में आरएसएस के कुछ लोग शामिल हैं, वो लोकतंत्र को बचाने के लिए लालू प्रसाद, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं. कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास की टिप्पणी से पता चलता है कि वह बीजेपी और एनडीए के 'भक्त' हैं. कांग्रेस ऐसे नेताओं को निकाल दे. 

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दरअसल, लालू यादव को बिहार में आरजेडी नेता सामाजिक न्याय के मसीहा के तौर पर पेश करते हैं. इस तरह उन्हें दलित और ओबीसी के इंसाफ और हक की लड़ाई वाले नेता बताती रही है. ऐसे में भक्त चरण दास पर लालू यादव के बयान ने विपक्ष के एक बड़ा मौका उनके छवि को दलित विरोधी बताने में जुट गई है. 

बिहार की सियासत में दलित मतदाता काफी अहम माने जाते हैं, जो आरजेडी के वोटबैंक के तौर पर देखा जाता है. ऐसे में कांग्रेस दलित राजनीतिक एजेंडा इन दिनों देश में सेट करने में जुट गई है, जिसके चलते लालू यादव के बयान को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया हैं, जिससे आरजेडी बैकफुट पर खड़ी नजर आ रही है. इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस बिहार में अब बैसाखी के सहारे अपनी भविष्य की राजनीति को आगे नहीं बढ़ाना चाह रही. 

 

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