दिल्ली में कोरोना वायरस के डर के चलते सिनेमाघरों को 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है लेकिन इस बीच फिल्म अंग्रेजी मीडियम रिलीज हुई है. इस फिल्म में करीना कपूर खान और इरफान खान पहली बार काम कर रहे हैं. फिल्म में देखने को मिलेगा कि कैसे एक मिडिल क्लास परिवार को देश से बाहर अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब भारत के एजुकेशन सिस्टम पर कोई फिल्म आ रही है. जानते हैं ऐसी ही फिल्मों के बारे में..
तारे जमीं पर
आमिर खान स्टारर इस फिल्म ने स्पेशल स्टूडेंट्स, आम छात्रों और पेरेंट्स के लिए एक बेहद सेसेंटिव मुद्दा उठाया था. फिल्म में दर्शील सफारी ने एक बच्चे का किरदार निभाया था जो डिस्लेक्सिया से जूझ रहा है. फिल्म में आमिर ने दर्शील के टीचर की भूमिका निभाई. फिल्म को क्रिटिक्स के साथ ही साथ दर्शकों ने भी काफी पसंद किया था.
वाइ चीट इंडिया
इमरान हाशमी स्टारर ये फिल्म एक क्राइम ड्रामा है और इस फिल्म में देश के एजुकेशन सिस्टम को एक डार्क नजरिए से दिखाया गया था. इस फिल्म में इमरान कई अमीर स्टूडेंट्स को धोखा देकर वंचित शोषित छात्रों की मदद करते हैं. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खास प्रदर्शन नहीं किया था और फिल्म पंडितों ने कहा था कि फिल्म की स्क्रिप्ट बेहतर होती तो ये फिल्म अच्छा परफॉर्म कर सकती थी.
हिंदी मीडियम
इरफान खान और सबा कमर स्टारर इस कॉमेडी ड्रामा फिल्म ने दर्शकों का काफी मनोरंजन किया था. इस फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे एक कपल अपनी बेटी को हाई-क्लास एजुकेशन दिलाने की कोशिश करता है. फिल्म के सहारे प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के हालातों के बारे में भी पता चलता है. इस फिल्म में दीपक डोबरियाल ने भी अहम भूमिका निभाई थी.
3 इडियट्स
राजकुमार हिरानी द्वारा निर्देशित इस फिल्म को भारत के एजुकेशन सिस्टम पर बनी सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक माना जाता है. इस फिल्म में आमिर खान, आर. माधवन और शरमन जोशी ने लीड भूमिकाएं निभाई थीं. भारत के इंजीनियरिंग कॉलेजों में भेड़चाल और दबाव भरे हालातों को इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के जरिए दिखाया गया था. ये पहली फिल्म थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ से अधिक का कारोबार किया था.
नील बट्टे सन्नाटा
पंकज त्रिपाठी और स्वरा भास्कर स्टारर इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर औसत प्रदर्शन किया था. लेकिन इस फिल्म को क्रिटिक्स ने काफी सराहा था. फिल्म को अश्विनी अय्यर तिवारी ने डायरेक्ट किया था. फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे अपने सोशल स्टेट्स और गरीबी जैसी परेशानियों की परवाह ना करते हुए अपने सपने के लिए कड़ी मेहनत की जाती है और उसे पाया जाता है.