रामानंद सागर की रामायण में राम बने अरुण गोविल से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा, 'राम का किरदार तो अच्छा था ही इसके साथ ही रामानंद सागर जी का शानदार निर्देशन, अच्छी स्क्रिप्टिंग और अच्छे भावपूर्ण संवादों ने दर्शकों का मन मोहा है. इन सब चीजों ने जब साथ मिलकर काम किया तब जाकर रामायण को ऐसी जबरदस्त सफलता मिली.
वहीं गुरमीत चौधरी ने अपने रोल के बारे में कहा- एक कलाकार के तौर जब आप किसी किरदार में घुसते हैं और वो भी ऐसे महान किरदार में, तो आपके अंदर भी वैसी ही भावनाएं पैदा होने लगती हैं. जब मैंने सीरियल रामायण(2008) में राम का किरदार निभाना शुरु किया तो मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि शूटिंग खत्म होने के बाद मुझे इस किरदार से बाहर भी आना है.
गुरमीत ने आगे कहा- मुझे उस किरदार से निकलने में कई महीने लग गए. कई लोग मुझे राम समझकर पांव छूते थे. मुझे बहुत सारी कहानियां भी सुनने को मिलती थी कि कई लोगों ने मेरी राम वाली फोटो को मंदिर में रख दिया है पूजा करने के लिए.
इसके अलावा कई लोग मुझे सोशल मीडिया पर ये भी कहते थे कि हम जब भी आंखें
बंद करते हैं तो हमें भगवान राम के रूप में आप ही नजर आते हैं और मुझे इस
बात की काफी खुशी हैं कि दोबारा से दंगल टीवी पर हमारी वाली रामायण दिखाई
जा रही हैं .
सिया के राम सीरियल में राम बने एक्टर आशीष शर्मा का कहना है- भगवान राम समाज में समाये हुए हैं. हमारे जीवन से जुड़े हुए हैं , चाहे खुशी या गम हम परिस्थिति में राम को ही याद आते हैं. ये नाम लोगों की जड़ों से जुड़ा हुआ है. ये लोगों की भावना और श्रद्धा से जुड़ा हुआ मामला है.
ऐसे में जब आप उस महान किरदार को निभाते हैं, तो सबसे बड़ी जो चीज होती है वो है जिम्मेदारी. हमें उस किरदार को निभाते हुए उस जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए कि हम गलती से भी कुछ ऐसा न कर दें जिससे उस किरदार को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचे. क्योंकि ये आस्था और विश्वास का प्रतीक है. क्योंकि रामायण पहले भी कई बार बन चुकी है और हमारे जह्न में रची-बसी हुई है.
आशीष ने बताया कि वो बचपन में रामलीला के दौरान हनुमान का रोल किया करते थे और तब उन्होंने सोचा भी नहीं था कि एक दिन टीवी पर राम का कैरेक्टर प्ले करेंगे.