लगान की 'केसरिया' को हुआ था ब्रेन स्ट्रोक, 11 साल से हैं बेरोजगार, दवाई-खाने तक के नहीं पैसे

फिल्म लगान में केसरिया किरदार से अपनी एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वालीं परवीना बानो ने अपने बीस साल की करियर में कई फिल्मों में सपोर्टिंग किरदार निभाए हैं. हालांकि पिछले दस साल से बीमारी के कारण उनका काम बंद है और जिस वजह से आर्थिक तंगी से गुजर रही हैं.

Advertisement
परवीना बानो परवीना बानो

नेहा वर्मा

  • मुंबई,
  • 24 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:31 PM IST
  • लगान की केसरिया को है मदद की जरूरत
  • पिछले दस साल से बीमारी की वजह से हैं बेरोजगार

फिल्म लगान में केसरिया का किरदार निभा चुकीं परवीना बानो को 2011 में ब्रेन स्ट्रोक हुआ था. इसके बाद से परवीना के हेल्थ इश्यूज बढ़ते गए और इलाज के दौरान उनकी सेविंग्स भी खत्म हो गई. 

आजतक डॉट इन से बातचीत के दौरान परवीना ने बताया, मैं घर पर अपनी बेटी और छोटी बहनों के साथ रहती हूं. मेरे पति से अलगाव के बाद घर पर केवल मैं ही कमाने वाली एकमात्र महिला थी. मैं छोटे-मोटे किरदार कर पैसे कमाया करती थी. मेरा भाई देखभाल किया करता था लेकिन उसे भी कैंसर हो गया है. मैंने लगान से अपने करियर की शुरुआत की थी. इसमें आमिर खान के जो भाई बने थे गोली मैं उनके ऑपोजिट थी. मेरे किरदार का नाम केसरिया था. 

Advertisement

2011 में आया था ब्रेन स्ट्रोक

42 साल की परवीना आगे कहती हैं, 2011 से मुझे अर्थराइटिस हुआ है. ब्लड प्रेशर की भी दिक्कत आ गई थी, जिस वजह से ब्रेन स्ट्रोक आया और पैरालाइज का स्ट्रोक भी आया था. पिछले सात-आठ साल से यही प्रॉब्लम झेल रही हूं. इसके बाद से ही मेरी तबीयत खराब होती चली गई. खुद के इलाज में इतने पैसे चले गए कि उसका हिसाब नहीं. तब से मैं बिना काम के घर पर ही हूं. मेरी बहन असिस्टेंट डायरेक्टर का काम करती थी. वो जैसे तैसे परिवार चला रही थीं लेकिन लॉकडाउन ने उसकी नौकरी भी छीन ली. अब तो हमारे यहां कमाई का कोई साधन ही नहीं बचा है. 

मदद के लिए कोई नहीं आया

मैंने मदद के लिए कई लोगों से बात की, लेकिन कोई खास रिस्पॉन्स नहीं मिला. सिन्टा वालों ने राशन वगैरह भिजवाया है. राजकमल जी ने भी दो बार राशन भेजा है. आज भी मेरा इलाज चल रहा है. मुझे हर हफ्ते 1800 रुपये दवाईयों में लगते हैं. इसके अलावा घर का किराया, राशन, इलेक्ट्रिसिटी बिल अलग से है. मैंने पहले ये बातें इस डर से नहीं बताईं कि कहीं इंडस्ट्री में यह बात न फैल जाए कि मैं बीमार हूं और मुझे फ्यूचर में काम मिलना न बंद हो जाए. बस मेरी यही गुजारिश है कि इलाज अच्छे से हो जाए ताकि मैं आगे चलकर काम कर सकूं. 

Advertisement

ठीक से हो जाए इलाज, तो दोबारा करूंगी वापसी

अगर मेरा इलाज और दवाईयों का इंतजाम सही से हो गया, तो मैं काम पर दोबारा वापस लौट सकती हूं. लेकिन इलाज और दवाईयों के पैसे का सोचकर ही दम निकलता है. दरअसल ब्रेन पर पड़े क्लॉट्स को दवाईयों की मदद से रिलीज किया जा सकता है. 

सोनू सूद ने की मदद

आजतक ने जब सोनू सूद को परवीना की कंडीशन से अवगत करवाया, तो उनकी टीम ने फौरन एक्शन लेते हुए परवीना के यहां पहले महीनेभर का राशन भिजवाया और एक महीने की दवाईंया भी अरेंज करवा दी हैं. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement