'पवन सिंह की संपत्ति...', चुनावी हलफनामे में क्यों नहीं लिखा पति का नाम? ज्योति ने तोड़ी चुप्पी

पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह विवादों में बनी हुई हैं. उधर एक्टर संग उनका झगड़ा चल रहा है. उनकी शादी में खटपट चल रही है. तलाक का केस कोर्ट में है. दूसरी तरफ, ज्योति बिहार की काराकाट सीट से चुनावी मैदान में उतरी हैं. इलेक्शन की रणनीति को लेकर ज्योति ने बात की.

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चुनाव में पैसों की दिक्कत झेल रहीं ज्योति सिंह? (Photo: Instagram @jyotipsingh999) चुनाव में पैसों की दिक्कत झेल रहीं ज्योति सिंह? (Photo: Instagram @jyotipsingh999)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति बिहार के काराकाट सीट से चुनाव लड़ रही हैं. वो निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरी हैं. कैंपेन के दौरान ज्योति ने साफ कहा कि उनके पास पैसा नहीं है. इसलिए उन्होंने आर्थिक मदद के लिए इंस्टा पर एक QR कोड शेयर कर फैंस से मदद करने की अपील की थी. कैप्शन में लिखा था- चुनाव के इस मुहिम को और मजबूत करने में कृपया मेरी मदद करें और जो भी हो सके नीचे दिए गए क्यूआर कोड पर अपना सहयोग राशि भेजें. 

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चुनावी फंडिंग पर क्या बोलीं ज्योति?
हालांकि बाद में ट्रोलिंग का उन्हें सामना करना पड़ा था. ज्योति ने भी अपनी पोस्ट को डिलीट कर दिया था. अब लल्लनटॉप संग बातचीत में ज्योति ने बिहार इलेक्शन, पवन सिंह और खुद से जुड़े विवादों पर रिएक्ट किया है. ज्योति से फंडिंग पर सवाल किया गया. इस पर वो बोलीं- चुनाव में आपको पता नहीं कितना खर्चा होता है. जैसे जैसे हमने कैंपेन शुरू किया तो फाइनेंसियल दिक्कतें आईं. फिर मैंने जनता से अपील की थी. जनता ने काफी हेल्प की. लेकिन लगातार पेमेंट आने की वजह से मेरा अकाउंट क्रैश हो गया था. कुछ टाइम के लिए अकाउंट ब्लॉक हो गया था. ज्योति ने कहा कि अभी उनका कैंपेन काफी अच्छे से चल रहा है.

क्यों एफिडेविट में नहीं लिखा पवन सिंह का नाम?
ज्योति ने बताया कि उन्होंने क्यों चुनावी एफिडेविट में पति पवन सिंह का नाम नहीं लिखा. बल्कि परित्यक्त (जिसे छोड़ दिया गया हो) लिखा था. इस पर ज्योति ने सफाई देते हुए लिखा- मेरे सारे डॉक्यूमेंट में पापा का नाम था. शादी के बाद भी कभी डॉक्यूमेंट में पति का नाम नहीं चढ़ाया गया था. दूसरी वजह ये थी कि अगर पति का नाम लिखती तो उनकी संपत्ति दिखानी पड़ती. जिसकी जानकारी मेरे पास नहीं थी. उनसे मेरी बात भी नहीं हो रही है. इसलिए मैंने परित्यक्त लिखा.

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ज्योति ने कहा कि वो अपने पापा पर बोझ नहीं बनना चाहती थीं. इसलिए वो चुनावी मैदान में उतरीं. उन्होंने कभी ऐसा नहीं सोचा कि वो पवन सिंह का चुनावी प्लान खराब करेंगी या उनका टिकट कटवाएंगी. वो किसी का बुरा नहीं चाहती हैं. पवन सिंह पिछले 20 साल से बीजेपी के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं. फिर भी उन्हें टिकट नहीं मिला. तो इसमें उन्होंने कैसे उनका चुनाव खराब किया. ज्योति ने बताया कि उनकी पवन सिंह से आखिरी बात लखनऊ में 25-30 मिनट के लिए हुई थी. 

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