समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से महागठबंधन के प्रत्याशी आजम खां अपने बयान से पलट गए हैं. रविवार को आजम ने कहा कि मैंने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया है. मुझे पता है कि मुझे क्या कहना चाहिए. अगर कोई साबित कर सकता है कि मैंने किसी का नाम कहीं भी लिया है और किसी का अपमान किया है, तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा.
आजम खां ने कहा कि मैं दिल्ली के एक व्यक्ति का जिक्र कर रहा था जो अस्वस्थ है, जिसने कहा था, मैं 150 राइफलें लेकर आया था और अगर मैंने आजम को देखा होता तो मैं उसे गोली मार देता. उसके बारे में बात करते हुए, मैंने कहा, 'लोगों को जानने में काफी समय लगा और बाद में पता चला कि वह आरएसएस शॉर्ट्स पहने हुए था'
बता दें, रामपुर में आजम खां ने एक आपत्तिजनक बयान दिया है. उन्होंने कहा था, 'जिसको हम उंगली पकड़कर रामपुर लाए, आपने 10 साल जिनसे प्रतिनिधित्व कराया...उसकी असलियत समझने में आपको 17 साल लगे, मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनका अंडरवियर खाकी रंग का है.'
आजम ने कहा था, 'मैं जनसभा में मौजूद सभी लोगों से सवाल करता हूं कि क्या राजनीति इतनी गिर जाएगी कि 10 बरस जिसने रामपुर वालों का खून पीया, जिसे उंगली पकड़कर हम रामपुर में लेकर आए. जिसका हमने पूरा ख्याल रखा. उसने हमारे ऊपर क्या-क्या आरोप नहीं लगाए.'
आजम खां के इस बयान को रामपुर से ही बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा से जोड़ा गया था. इस बयान को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने आजम खां को नोटिसा भेजने का फैसला किया है. माना जा रहा है कि यह नोटिस आज यानी सोमवार को भेजा सकता है. नोटिस से पहले ही आजम ने अपने बयान पर सफाई दे दी है.
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