दिल्ली के बाहर AAP का भविष्य तय करेंगे पंजाब के लोकसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव 2019 में पंजाब की सभी 13 सीटों पर 19 मई को वोट डाले जाएंगे. इस बार के चुनाव में सबसे बड़ी प्रतिष्ठा आम आदमी पार्टी की लगी है, 2014 में पार्टी के चार सांसद जीतने में कामयाब रहे थे, लेकिन 2019 आते-आते स्थिति इतनी विपरीत हो चुकी है कि पिछले नतीजे को दोहराना आसान नहीं है. 

Advertisement
भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल (फोटो-Getty image) भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल (फोटो-Getty image)

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2019,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें और आखिरी चरण में पंजाब की सभी 13 सीटों पर 19 मई को वोट डाले जाएंगे. पंजाब में आमतौर पर लड़ाई हमेशा से परंपरागत प्रतिद्वंद्वियों कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी के बीच रही है. यही दोनों दल बारी-बारी से सियासी जंग फतह करते रहे हैं, लेकिन 2014 में आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब में अपनी दमदार तरीके से मौजूदगी दर्ज कराई थी. यही वजह है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में सभी की निगाहें सूबे में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन पर टिकी हैं. पंजाब के आम चुनाव ही दिल्ली से बाहर AAP का सियासी भविष्य तय करने जा रहे हैं.

Advertisement

पंजाब में जोरदार आगाज

पिछले लोकसभा चुनाव में पहली चुनाव लड़ रही AAP को पंजाब की जनता ने 24.5 फीसदी वोट और चार सीटें देकर सिर-माथे पर बिठाया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी यहां मजबूती से लड़ी और अकाली को पीछे धकेल कर मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा हासिल किया. इस चुनाव में कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी. पंजाब की कुल 117 सीटों में से आप को 20 सीट मिली थी, लेकिन इसी के बाद आम आदमी पार्टी पर लगातार संकट के बादल छाए हुए हैं.

AAP में बगावत

2017 के विधानसभा चुनाव के बाद पंजाब में जितने भी उपचुनाव हुए, उनमें पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. सूबे में AAP के 20 में से 7 विधायक बगावत कर अलग हो चुके हैं. इसके अलावा AAP के बागी सुखपाल खैरा ने पंजाबी एकता पार्टी बना ली और चुनाव मैदान में AAP के खिलाफ ही ताल ठोक रहे हैं. एचएस फुल्का ने भी पार्टी छोड़ दी है.

Advertisement

इस बार के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी पंजाब के सभी 13 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं. इन 13 सीटों पर उसे सत्ताधारी कांग्रेस और बीजेपी-अकाली दल गठबंधन के सामने कड़ी चुनौती मिल रही है. सूबे की संगरूर लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी मजबूती से खड़ी है, क्योंकि पार्टी के पास भगवंत मान के अलावा कोई और बड़ा नेता नहीं है. 

भगवंत मान के सहारे AAP

कांग्रेस और अकाली दल-बीजेपी की तुलना में आम आदमी पार्टी चुनाव प्रचार में पिछड़ी हुई नजर आई. इसके अलावा कई अहम नेताओं के पार्टी को छोड़ देने से धारणा भी उसके खिलाफ बन रही है. भगवंत मान खुद संगरूर सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए दूसरी सभी सीटों पर प्रचार के लिए उम्मीदवार या तो खुद ही लगे हुए हैं या फिर वॉलंटियर्स के जरिए घर-घर जाने की मुहिम चलाई जा रही है.

आम आदमी पार्टी के कई विधायकों के टूटने और पंजाब एकता पार्टी पार्टी की ओर से मैदान में उतरने के कारण भी पार्टी को नुकसान होने की संभावना मानी जा रही है. दिल्ली के लोकसभा चुनाव के चलते पार्टी के चेहरा और संयोजक अरविंद केजरीवाल अभी तक पंजाब में प्रचार के लिए नहीं उतर सके हैं. हालांकि सोमवार को भगवंत मान के प्रचार के लिए संगरूर में रोड शो करने पहुंचे हैं. ऐसे में उन्हें काले झंडे दिखाए गए.

Advertisement

पंजाब में अभी तक आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान की ओर से वोटरों के नाम लिखी खुली चिट्ठी का सहारा लिया है. वॉलंटियर्स के जरिए ये चिट्ठी घर-घर पहुंचाई जा रही है. फोन किए जा रहे हैं, लेकिन साफ तौर पर देखने में आ रहा है कि पिछली बार की तरह न तो इस बार उन्हें NRIs का साथ मिल रहा है और न ही पंजाब के लोगों में पिछले चुनाव की तरह उत्साह.

पंजाब की सीटें और 2014 के नतीजे

पंजाब की गुरदासपुर, अमृतसर, जालंधर, होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, लुधियाना, फतेगढ़ साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरुर, पटियाला और खडूर साहिब सीट है. 2014 के चुनाव में इन 13 सीटों में आम आदमी पार्टी 4, अकाली दल 4, कांग्रेस 3 और बीजेपी 2 सीटें जीती थी.

कांग्रेस इस बार अपनी सीटों को बढ़ाने की उम्मीद के साथ सभी 13 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी है. कांग्रेस का चेहरा भले ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी हों, लेकिन पंजाब में कांग्रेस को जिताने का सारा दारोमदार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ही है. वहीं, बीजेपी और अकाली दल मिलकर चुनावी मैदान में है. अकाली दल 10 और बीजेपी 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में गठबंधन बेहतर नतीजे की आस लगाए हुए है. अब आम आदमी पार्टी के सामने अपनी सीटें बचाए रखने की बड़ी चुनौती है.

Advertisement

चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement