नीतीश कुमार के दलित कार्ड पर बोलीं मायावती- बहकावे में न आएं

मायावती ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले वर्तमान सरकार एक बार फिर एससी/एसटी वर्ग के लोगों को अनेक प्रलोभन/आश्वासन आदि देकर उनके वोट के जुगाड़ में है जबकि अपने पूरे शासनकाल में इन्होंने इन वर्गों की घोर अनदेखी की, जिसके हिसाब-किताब का अब समय है.

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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा की प्रमुख मायावती (फोटो-PTI) उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा की प्रमुख मायावती (फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST
  • मायावती बोलीं-बसपा से सीखें नीतीश कुमार
  • दलित नीतीश के बहकावें न आएं-बसपा प्रमुख
  • नीतीश ने दलित-आदिवासी की अनदेखी की

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दलित कार्ड खेलने पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. मायावती ने कहा कि बिहार की सरकार प्रलोभन देकर दलित और आदिवासी वोट के जुगाड़ में है.

मायावती ने ट्वीट किया, 'बिहार विधानसभा चुनाव के पहले वर्तमान सरकार एक बार फिर एससी/एसटी वर्ग के लोगों को अनेक प्रलोभन/आश्वासन आदि देकर उनके वोट के जुगाड़ में है जबकि अपने पूरे शासनकाल में इन्होंने इन वर्गों की घोर अनदेखी/उपेक्षा की व कुंभकरण की नींद सोते रहे, जिसके हिसाब-किताब का अब समय है.'

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मायावती ने कहा कि अगर बिहार की वर्तमान सरकार को इन वर्गों के हितों की इतनी ही चिंता थी तो उनकी सरकार अब तक क्यों सोई रही? जबकि इनको इस मामले में यूपी की बसपा सरकार से बहुत कुछ सीखना चाहिए था. अतः इन वर्गों से अनुरोध है कि वे नीतीश सरकार के बहकावे में कतई न आयें.

2. अगर बिहार की वर्तमान सरकार को इन वर्गों के हितों की इतनी ही चिन्ता थी तो उनकी सरकार अबतक क्यों सोई रही? जबकि इनको इस मामले में यूपी की बसपा सरकार से बहुत कुछ सीखना चाहिए था। अतः इन वर्गों से अनुरोध है कि वे श्री नीतीश सरकार के बहकावे में कतई न आयें। 2/2

— Mayawati (@Mayawati) September 5, 2020

 

असल में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दलित कार्ड खेला है. उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग से आने वाले किसी शख्स की हत्या पर उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने का प्रावधान करने का निर्देश अफसरों को दिया है. नीतीश कुमार के इस आदेश को चुनाव से पहले दलित-आदिवासी समुदाय को लुभाने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है.

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बता दें कि मायावती ने बिहार चुनाव में सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. हालांकि यूपी में चार बार सत्ता पाने वाली बसपा बिहार में अपनी जड़ें जमाने में कामयाब नहीं रही. बसपा बिहार में कभी भी दो अंकों में सीटें नहीं जीत सकी जबकि यहां 16 फीसदी दलित मतदाता हैं.


 

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