परिवार-रिश्तेदार के मोह में फंस गए मांझी-कुशवाहा! HAM-RLM को 6-6 सीटों पर कैसे ले आई BJP, जानिए

बिहार चुनाव में 15 सीटों की डिमांड पर अड़े जीतनराम मांझी और दर्जनभर सीटें मांग रहे उपेंद्र कुशवाहा को बीजेपी कैसे 6-6 सीट पर ले आई? एनडीए में सीट शेयरिंग पर फंसा पेच कैसे सुलझा?

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अपनी बहू और समधन को चुनाव लड़ाएंगे जीतनराम मांझी (File Photo: PTI) अपनी बहू और समधन को चुनाव लड़ाएंगे जीतनराम मांझी (File Photo: PTI)

शशि भूषण कुमार

  • पटना,
  • 13 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:24 AM IST

बिहार चुनाव के जारी नामांकन प्रक्रिया के बीच सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे का ऐलान हो गया है. एनडीए के सबसे बड़े घटक भारीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर सीट शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान कर दिया.

बीजेपी और जनता दल (यूनाइटेड) 101-101, जबकि चिराग पासवान की पार्टी 29 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टियों को छह-छह सीटें मिली हैं. जीतनराम मांझी 15 सीटों की डिमांड पर अड़े थे. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा 12 सीटें मांग रहे थे. सहयोगी दलों के अड़ियल रुख से फंसे सीट शेयरिंग के पेच को बीजेपी ने आखिर कैसे सुलझाया?

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बीजेपी 15 सीटों की मांग पर अड़े मांझी और 10 सीटों की डिमांड कर रहे कुशवाहा को 6–6 सीट पर कैसे ले आई?  दरअसल, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा परिवार और रिश्तेदार के मोह में फंस गए. सीट शेयरिंग को लेकर मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के साथ हर दौर की बातचीत में बीजेपी ने उनसे अपनी दावेदारी वाली सीटों से संभावित उम्मीदवारों के नाम सामने रखने को कहा.

जीतनराम मांझी की अगुवाई वाली हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के साथ सीट शेयरिंग पर बातचीत के दौरान बीजेपी को एक बात समझ आ गई. बीजेपी यह समझ गई कि दोनों ही नेता (मांझी और कुशवाहा) अपने परिजनों या रिश्तेदारों के लिए मनपसंद सीटें चाहते हैं.

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सूत्रों के मुताबिक इस बात का अंदाजा लगते ही बीजेपी ने जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा पर सीटों की संख्या कम करने के लिए प्रेशर बनाना शुरू कर दिया. मांझी और कुशवाहा परिवार और रिश्तेदार के मोह में फंस गए और सीटों का पेच सुलझ गया. जीतनराम मांझी अपनी समधन ज्योति मांझी को बाराचट्टी से चुनाव लड़ाएंगे. वहीं, इमामगंज सीट से उनकी बहू दीपा मांझी उम्मीदवार होंगी.

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कुछ ऐसी ही रणनीति आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की भी है. उपेंद्र कुशवाहा भी अपनी पत्नी और बेटे, बहू को विधानसभा चुनाव में उतारने की तैयारी में हैं. उपेंद्र कुशवाहा अपनी पत्नी स्नेह लता को सासाराम विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारेंगे. वहीं, महुआ सीट से उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक कुशवाहा या बहू साक्षी मिश्रा कुशवाहा में से किसी एक के चुनावी जंग में उतरने की चर्चा है.

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आरएलएम प्रमुख ने सीट शेयरिंग पर बातचीत के दौरान दिनारा विधानसभा सीट से आलोक सिंह और उजियारपुर से प्रशांत पंकज के नाम बतौर उम्मीदवार रखे. यह दोनों ही नए नाम हैं.

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