बिहार में 20 साल से आरजेडी और कांग्रेस चार दशक से सत्ता से बाहर है. सत्ता के वनवास को तोड़ने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव बिहार की सियासी रण में उतरने जा रहे हैं. रक्षाबंधन त्योहार के बाद तेजस्वी-राहुल महागठबंधन के नेताओं के साथ नीतीश कुमार के अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ सियासी माहौल बनाने के लिए उतरेंगे. बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन के नेता प्रदेश के सभी प्रमंडलों में यात्रा और रैली करके सियासी जंग फतह करने की इबारत लिखते नजर आएंगे.
बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है. ऐसे में महागठबंधन के नेताओं ने एनडीए को मात देने के लिए पूरी तरह से कमर कस लिया है. तेजस्वी यादव के पटना आवास पर बुधवार को महागठबंधन की बैठक हुई है, जिसमें तेजस्वी-राहुल गांधी की बिहार में संयुक्त यात्रा कराने का फैसला किया गया. साथ ही महागठबंधन के सभी घटक दल के नेता जनता के बीच जाएंगे और हम रैली करेंगे. इस तरह बिहार चुनाव अभियान को धार देने की रणनीति बनाई है.
तेजस्वी यादव और राहुल गांधी ने इसी महीने बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ पटना की सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था. पटना के आयकर गोलंबर से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च कर दोनों नेताओं ने महागठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश और जुनून भरने का काम किया था. इसी तर्ज पर तेजस्वी-राहुल की सियासी जोड़ी नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करने के लिए बिहार की सड़क पर उतरने का फैसला किया है.
बिहार में राहुल-तेजस्वी की अगस्त क्रांति
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की जनता के अधिकार को लेकर जिस प्रकार से वोटर के नाम काटा जा रहा है, इन बिंदुओं को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे और इस यात्रा में उनके साथ राहुल गांधी भी शामिल होंगे. तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन के नेता जनता के बीच जाकर अपने हर मुद्दे को स्पष्ट करेगा. पढ़ाई, दवाई, कमाई और सिंचाई में बिहार सबसे पीछे है और पलायन, गरीबी, बेरोजगारी में बिहार सबसे आगे है. इन सभी मुद्दों को जनता से साझा किया जाएगा.
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आरजेडी नेता तेजस्वी ने कहा कि बिहार में आज अपराधी ही सरकार चला रहे हैं. पिछले दस दिनों में बिहार में सौ के करीब हत्याएं हुई हैं. कैग रिपोर्ट में भ्रष्टाचार सामने आया है. इन सभी मुद्दे को लेकर हम लोग जनता के बीच जाएंगे. रक्षा बंधन के बाद हम महागठबंधन के सभी बड़े नेता, जो राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं, बिहार में जनता के बीच जाएंगे. आने वाला महीना अगस्त है और हम लोग अगस्त क्रांति करेंगे.
बिहार के प्रमंडल में यात्रा और रैली का प्लान
बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि हम लोगों ने फैसला लिया है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन के सभी नेता प्रदेश के सभी नौ प्रमंडलों में रैली और यात्रा करेंगे. इसके अलावा महागठबंधन के नेता बूथ स्तर तक जाएंगे और जनता के बीच मौजूदा नीतीश सरकार की नाकामी को बताएंगे.
बिहार 9 प्रमंडल है, जिसमें पटना, मगध, तिरहुत, दरभंगा, कोसी, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर और सारण. एक प्रमंडल में कई जिले आते हैं और कई विधानसभा सीटें आती हैं. 2020 के विधानसभा में सारण, तिरहुत और मगध प्रमंडल में महागठबंधन का पल्ला भारी था. वहीं, दरभंगा, पटना, मुंगेर, कोसी, पूर्णिया और भागलपुर प्रमंडल क्षेत्र में एनडीए को बढ़त मिली थी. यही वजह है कि चुनाव से पहले कांग्रेस और आरजेडी ने तेजस्वी-राहुल गांधी की रैली और यात्रा का प्लान बनाया है.
तेजस्वी-राहुल बनाम मोदी-नीतीश की जोड़ी
बिहार में एनडीए नीतीश कुमार और पीएम मोदी की सियासी जोड़ी के सहारे चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया बिहार की सत्ता पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन अपनी मजबूत पकड़ को बनाए रखने के लिए एक के बाद एक दांव चल रहा है. बिहार का विधानसभा चुनाव पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार के काम और नाम पर लड़ने की स्ट्रैटेजी बनाई है. यही नहीं चुनाव से पहले साफ कर दिया है कि 2025 में एनडीए का सीएम चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे.
बिहार में सीएम नीतीश कुमार के चेहरे के साथ-साथ उनके सरकार के दौरान किए गए कामों को लेकर चुनाव लड़ने का प्लान बनाया है. साथ ही एनडीए का सबसे बड़े लोकप्रिय चेहरा पीएम मोदी माने जाते हैं. नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के बाद से ही बिहार पर खास फोकस कर रखा है. एक के बाद एक बिहार का दौरा कर पीएम मोदी विकास की सौगात देने के साथ-साथ सियासी एजेंडा सेट करने में जुटे हैं.
मोदी-नीतीश की जोड़ी के सामने विपक्ष की तरफ से बिहार में राहुल-तेजस्वी की जोड़ी पूरे दमखम लगा रही है. ऐसे में राहुल और तेजस्वी की जोड़ी को महागठबंधन ने बिहार चुनाव ऐलान से पहले ही उतारने का फैसला किया है. महागठबंधन के दोनों युवा नेता बिहार के सभी प्रमंडल में यात्रा करेंगे और जनसभा को भी संबोधित करते नजर आएंगे. इस यात्रा के बहाने तेजस्वी और राहुल दोनों ही नेता बिहार में घूम-घूमकर बताते नजर आएंगे नीतीश कुमार की सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है और 20 साल सत्ता में रहकर भी कुछ नहीं किया.
महागठबंधन के लिए बिहार चुनाव अहम
बिहार का विधानसभा चुनाव महागठबंधन के लिए अपनी साख बचाने की है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार की अपनी मजबूत पकड़ बनाने में काफी हद तक सफल हो सकते हैं. 2020 में अकेले दम पर तेजस्वी ने नीतीश कुमार के नाक में दम कर रखा था. कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन न करने के चलते तेजस्वी यादव सत्ता में नहीं आ सके, लेकिन इस बार राहुल गांधी पहले से एक्टिव हैं. राहुल गांधी ने आधा दर्जन बार बिहार का दौरा करके सामाजिक न्याय के मुद्दे को धार देने का काम किया है.
राहुल और तेजस्वी की जोड़ी दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक वोटों पर फोकस कर रखा है, उनके इर्द-गिर्द ही सियासी एजेंडा सेट करने में जुटे हैं. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन के नेता बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों में यात्रा और रैली करके नीतीश सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कवायद करते नजर आएंगे. ऐसे में अब देखना होगा कि बिहार के चुनाव रणभूमि में 'दो लड़कों' की जोड़ी क्या हिट रहती है?
कुबूल अहमद