BIE Suicide Case: फेल होने पर छात्रा ने किया था सुसाइड, बोर्ड के नतीजों में दिखी पास

BIE Suicide case: तेलंगाना बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन (BIE) ने 11वीं की छात्रा अरुतला अनामिका को पास घोषित करने के कुछ देर बाद फेल करार दिया है. ये है इस मामले की पूरी कहानी...

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2019,
  • अपडेटेड 3:29 PM IST

BIE Suicide case: तेलंगाना बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन (BIE) ने 11वीं की छात्रा अरुतला अनामिका को पास घोषित करने के कुछ देर बाद फेल करार दिया है. अप्रैल में आयोजित 11वीं की परीक्षा में फेल होने के कारण अनामिका ने सुसाइड कर लिया था. शनिवार को जब अनामिका की बहन उदया बोर्ड की वेबसाइट पर बहन के रि-वेर‍ि‍फाइड मार्क्स चेक कर रही थी तो पहले उसे अनामिका का रिजल्ट पास मिला, जिसे कुछ ही देर में 'फेल' में बदल दिया गया था. बोर्ड के इस कारनामे का पता चलने पर अनामिका के घरवाले बोर्ड के ख‍िलाफ न्याय की मांग कर रहे हैं. हालांकि, बोर्ड का कहना है कि यह क्लरिकल मिस्टेक थी जिसे तुरंत ठीक कर लिया गया.

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क्या कहना है अनामिका के घरवालों का

बोर्ड द्वारा बार-बार मार्क्स बदलने वाले इस रवैये से नाराज अनामिका के परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि बोर्ड अपनी ड्यूटी निभाने में फेल हो गया है. बता दें कि अनामिका को इंग्ल‍िश में 64, इकोनॉमिक्स में 55, सिविक्स में 67, कॉमर्स में 75 और तेलुगू-1 में पहले 48 और बाद में 20 मार्क्स दिए गए थे.

ऐसे पता चली फेल होने की बात

अनामिका की बहन उदया ने शनिवार को जब बोर्ड की वेबसाइट चेक की तो उसकी बहन के मार्क्स कुछ ही देर के फासले में बदले हुए मिले. एक घंटे पहले जिस जगह 48 मार्क्स दिया गया था उसमें अब 21 मार्क्स दिए गए थे. बोर्ड के रि-वेरिफिकेशन वाले रिजल्ट देखने के बाद अनामिका के परिवार वालों ने बोर्ड के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.    

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क्या था मामला

18 अप्रैल को तेलंगाना बोर्ड के 11वीं परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए थे. इसमें तेलंगाना के कई छात्र-छात्राएं फेल हुए थे. फेल होने के कारण लगभग 23 छात्र-छात्राओं ने सुसाइड कर लिया. इन्हीं में से एक छात्रा अरुतला अनामिका भी थी. बता दें कि तेलंगाना में 11वीं की परीक्षा में लगभग 9.43 लाख छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे. इनमें 3.38 लाख स्टूडेंट्स फेल घोषित किए गए थे. यह मुद्दा काफी चर्चा में रही जिसे बाद में हाई कोर्ट तक ले जाया गया. यहां रि-इवेलुएशन का आदेश दिया गया था.

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