3 साल की उम्र में एसिड अटैक से गंवा दी थीं आंखें... अब CBSE रिजल्ट में Kaafi ने 12वीं में किया स्कूल टॉप

CBSE 12th Result 2025 Success Story: तीन साल की उम्र में एसिड अटैक के बावजूद, काफी ने शारीरिक और मानसिक तकलीफों को सहते हुए अपनी पढ़ाई में बेहतरीन प्रदर्शन किया. एसिड अटैक के कारण उनकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. अपनी मेहनत और समर्पण से उन्होंने न केवल खुद को साबित किया, बल्कि लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गईं.

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Chandigarh Blind School Result CBSE Class 12th Chandigarh Blind School Result CBSE Class 12th

अमन भारद्वाज

  • चंडीगढ़,
  • 14 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:07 AM IST

Blind School CBSE 12th Topper Kaafi: चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित ब्लाइंड स्कूल की 17 वर्षीय छात्रा काफी ने अपनी 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में 95.6% अंक प्राप्त कर स्कूल में टॉप किया है उनका यह शानदार प्रदर्शन न केवल उनकी मेहनत को दिखाता है, बल्कि उनके जीवन के संघर्ष और मजबूत इच्छाशक्ति की भी कहानी है.

तीन साल की उम्र में एसिड अटैक के बावजूद, काफी ने शारीरिक और मानसिक तकलीफों को सहते हुए अपनी पढ़ाई में बेहतरीन प्रदर्शन किया. एसिड अटैक के कारण उनकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. अपनी मेहनत और समर्पण से उन्होंने न केवल खुद को साबित किया, बल्कि लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गईं.

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काफी ने पहले भी अपनी 10वीं की परीक्षा में 95.2% अंक प्राप्त कर अपनी कड़ी मेहनत का परिचय दिया था. ऑडियोबुक्स का सहारा लेकर पढ़ाई करने वाली काफी अब दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त करना चाहती हैं और उनका सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में चयनित होकर समाज की सेवा करने का है.

साल 2011 में तीन साल की उम्र में हुआ दर्दनाक हादसा

काफी के जीवन की एक कड़वी याद है, जब 2011 में होली के दौरान उनकी गांव बुढ़ाना, हिसार (हरियाणा) में तीन पड़ोसियों ने उनसे जलन के कारण एसिड अटैक किया. इस हमले में उनका चेहरा और शरीर गंभीर रूप से जल गया और उनकी आंखों की रोशनी चली गई. इलाज के लिए उन्हें AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनकी दृष्टि अब वापस नहीं आ सकती. हालांकि, उनका जीवन बच गया, लेकिन आंखों की रोशनी हमेशा के लिए खो दी।.काफी बताती हैं, "डॉक्टरों ने मेरी जान तो बचा ली, लेकिन आंखें नहीं बचा पाए".

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6वीं कक्षा में लिया था ब्लाइंड स्कूल में दाखिला

काफी की शिक्षा का सफर उनके गांव से शुरू हुआ और फिर 6वीं कक्षा में चंडीगढ़ के ब्लाइंड स्कूल में दाखिला लेने के बाद उनकी शिक्षा में एक नया मोड़ आया. यहां से उनके जीवन में बदलाव आया और वे लगातार अपनी कड़ी मेहनत के बल पर अपनी कक्षाओं में शीर्ष स्थान पर रही.

काफी के पिता, जो चंडीगढ़ के मिनी सचिवालय में एक संविदा कर्मचारी के रूप में काम करते हैं, अपनी बेटी की सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं. वे कहते हैं, "मेरी बेटी ने उस दर्दनाक अतीत को पीछे छोड़ते हुए आज जो हासिल किया है, वह किसी भी पिता के लिए गर्व की बात है." काफी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन किया है और वह चाहती हैं कि वे जल्द से जल्द दाखिला प्राप्त करें.

दूसरी और तीसरी रैंक

इस वर्ष के 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम में, ब्लाइंड स्कूल के अन्य दो छात्र, सुमंत और गुर्शरण सिंह, ने क्रमशः 94% और 93.6% अंक प्राप्त कर दूसरी और तीसरी रैंक हासिल की है.

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