बिहार में डिफेंस कॉरिडोर की हाल ही में (नवंबर 2025 में) विधानसभा चुनाव के बाद NDA सरकार द्वारा घोषणा की गई है. यह पूर्वी भारत को टेक्नोलॉजी हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार के दौरान इसका वादा किया था. यह कॉरिडोर मुख्य रूप से रक्षा उत्पादन, विनिर्माण और टेक्नोलॉजी से जुड़ी परियोजनाओं पर केंद्रित होगा.
विस्फोटक (Explosives) उत्पादन इकाइयां: कॉरिडोर में विस्फोटक बनाने वाली फैक्ट्रियां स्थापित होंगी, जो पाकिस्तान, चीन समेत देश के सभी सीमाओं पर सैन्य अभियानों में इस्तेमाल होंगी. यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने का हिस्सा है.
जिला-स्तरीय फैक्ट्रियां और औद्योगिक पार्क: हर जिले में रक्षा-संबंधी फैक्ट्रियां, MSME (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) पार्क और औद्योगिक पार्क बनाए जाएंगे. इससे स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा.
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सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क: डिफेंस कॉरिडोर के हिस्से के रूप में चिप और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पार्क विकसित होगा, जो रक्षा उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण है.
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (Global Capability Centres): अंतरराष्ट्रीय स्तर के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर्स, जो डिफेंस टेक्नोलॉजी पर फोकस करेंगे.
मेगा टेक सिटी और फिनटेक सिटी: डिफेंस कॉरिडोर को टेक्नोलॉजी हब से जोड़ते हुए मेगा टेक सिटी (बड़े पैमाने पर आईटी और इनोवेशन हब) और फिनटेक सिटी (फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी केंद्र) बनेंगी. इससे डिफेंस के साथ-साथ आईटी और फाइनेंस सेक्टर को बूस्ट मिलेगा.
यह कॉरिडोर बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक्नोलॉजी हब बनाने का लक्ष्य रखता है, जिसमें अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ नौकरियां पैदा करने की योजना है. केवल डिफेंस कॉरिडोर से ही 5-7 लाख सीधी नौकरियां और 20-25 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां आएंगी. इंजीनियर, टेक्नीशियन, मजदूर, सिक्योरिटी गार्ड, ड्राइवर सबको काम मिलेगा.
पहले चरण में 5-8 जिलों में बड़े प्लांट बनेंगे, बाद में पूरे 38 जिलों में फैक्ट्रियां आएंगी.
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मुख्य जगहें जो अभी तय हो चुकी हैं या जिनका नाम सबसे ज्यादा आ रहा है...
बड़े-बड़े हथियार और गोला-बारूद
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अब बिहार में न सिर्फ खेती और नौकरी के लिए दिल्ली-मुंबई भागना पड़ेगा. अब बिहार में ही AK-47, तोप के गोले, ड्रोन, चिप्स, बारूद सब बनेगा. गांव के लड़के-लड़कियां इंजीनियर, टेक्नीशियन बनकर अपने घर के पास ही अच्छी सैलरी वाली नौकरी करेंगे. अब बिहार सिर्फ़ पढ़ाएगा नहीं, हथियार भी बनाएगा.
ऋचीक मिश्रा