देश में घटे बलात्कार के मामले, सांप्रदायिक दंगों में आई कमी, गृह मंत्रालय का संसद में जवाब

गृह मंत्रालय ने आज राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि देश में बलात्कार और सांप्रदायिक दंगों के मामले में कमी आई है. सरकार अपराध रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण पर जोर दे रही है. जानें और क्या-क्या कहा मंत्रालय ने...

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देश में घटे हैं बलात्कार के मामले (सांकेतिक फोटो) देश में घटे हैं बलात्कार के मामले (सांकेतिक फोटो)

कमलजीत संधू

  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST
  • बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ की कोशिश अधिक
  • आपराधिक आंकड़ों के डिजिटलीकरण पर जोर
  • 2019 में हत्या, किडनैपिंग के मामले भी घटे

गृह मंत्रालय ने आज राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि देश में बलात्कार और सांप्रदायिक दंगों के मामले में कमी आई है. सरकार अपराध रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण पर जोर दे रही है. जानें और क्या-क्या कहा मंत्रालय ने.

घटी सांप्रदायिक दंगों की संख्या
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के हिसाब से 2019 में देश में सांप्रदायिक दंगों की संख्या में कमी आई. विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस ने 2019 में इस तरह के 440 मामले दर्ज किए. जबकि 2018 में इनकी संख्या 512 थी.

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कम हुए बलात्कार और हत्या के मामले
गृह मंत्रालय ने जवाब के मुताबिक देश में बलात्कार, हत्या और किडनैपिंग के मामलों में कमी आई है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) वर्ष 2019 में देशभर में बलात्कार के 32,033, हत्या के 28,918 और किडनैपिंग के 1,05,037 मामले दर्ज किए गए. जबकि 2018 में यह संख्या क्रमश: 33,356, 29,017 और 1,05,734 थी.

अपराध के आंकड़े डिजिटली उपलब्ध
गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि देश में आपराधिक आंकड़ों के डिजिटलीकरण पर जोर दिया जा रहा है. Crime and Criminal Tracking Network and Systems पर अब कुल 30.81 करोड़ आपराधिक आंकड़े उपलब्ध हैं.

बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ के अधिक मामले
गृह मंत्रालय ने कहा कि 2018 से 2020 के बीच भारत में अवैध घुसपैठ की कोशिश करने वाले 116 पाकिस्तानी, 2,812 बांग्लादेशी और म्यांमार के 325 लोगों को हिरासत में लिया गया.

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डिजिटल जनगणना होगी
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि देश में 2021 में होने वाली जनगणना देश में पहली डिजिटल जनगणना होगी. इसके लिए 8754.23 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं.

इंटरनेट शटडाउन की संख्या नहीं 
गृह मंत्रालय ने कहा कि देश में कितनी बार इंटरनेट शटडाउन किया गया, इसकी सूचना उसके पास नहीं है. दंगों या तनाव की स्थिति में दूरसंचार सेवाओं को अस्थायी तौर पर निलंबित रखने का निर्णय राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारी लेते हैं ताकि कानून व्यवस्था को व्यवस्थित रखा जा सके. 

 

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