अभी तक कुछ बड़े प्राइवेट बैंक के ग्राहकों को ही टैक्स या राजस्व भुगतान, पेंशन भुगतान जैसी सरकारी सेवाओं का लाभ मिल पाता था. लेकिन इस एम्बार्गो के हटने से सभी बैंक को इसका अधिकार मिल गया है. इससे सबसे ज्यादा फायदा उन ग्राहकों को होगा जिनके खाते छोटे प्राइवेट बैंकों में हैं.
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अक्सर देखा गया है कि लोग सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए निजी बैंक के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में भी खाते खुलवाते हैं लेकिन सरकार के इस कदम से अब उन्हें दो-दो खाते नहीं रखने होंगे और अब वह अपने निजी बैंक के खाते से ही सरकार की लघु बचत योजनाओं, पेंशन भुगतान इत्यादि का लाभ उठा सकेंगे. इसका सबसे ज्यादा फायदा कॉरपोरेट जगत के कर्मचारियों मिलने की उम्मीद है.
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गांवों में बैंकिंग लेनदेन के लिए अधिकतर लोग सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, ग्रामीण बैंकों या डाकघरों पर निर्भर करते हैं. सरकार के इस कदम से निजी बैंक गांवों में अपना विस्तार कर अपनी बैंकिंग सेवाएं पहुंचा पाएंगे क्योंकि सरकार की अधिकतर सामाजिक सुरक्षा योजनाएं गांवों को लक्षित करके बनाई जाती हैं और इनका लाभ लेने के लिए ग्रामीण लोग सरकारी बैंकों पर निर्भर रहते हैं.
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अभी सरकारी बैंकों में जिस दिन सरकारी पेंशन इत्यादि का भुगतान किया जाता है, उस दिन कई बुजुर्गों को लंबी-लंबी लाइन में खड़े रहना पड़ता है. इस एम्बार्गो के हटने से प्राइवेट बैंक भी पेंशन भुगतान इत्यादि की सुविधा दे सकेंगे, जिनके बारे में माना जाता है कि वहां बेहतर सुविधाएं मिलती हैं, लंबी-लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ता.
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एम्बार्गो हटने से अब हर तरह के प्राइवेट बैंक सरकार की राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, किसान विकास पत्र जैसी कई अन्य लघु बचत योजनाओं की पेशकश कर सकेंगे. इससे इन बचत योजनाओं का दायरा बढ़ेगा.
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वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाले वित्तीय सेवा विभाग ने एम्बार्गों हटाने की सूचना में कहा था कि निजी बैंक बैंकिंग क्षेत्र में इनोवेशन और नई प्रौद्योगिकी को लाने में आगे रहते हैं. ऐसे में प्राइवेट बैंक सरकार की सामाजिक सुरक्षा पहलों का लाभ नए ग्राहकों तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे और इससे लोगों के बीच डिजिटल बैंकिंग इत्यादि को बढ़ावा मिलेगा.
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सरकार से जुड़े बैंकिंग लेनदेन की छूट पाने वाला देश का पहला प्राइवेट बैंक एक्सिस बैंक बना था. अब सरकार ने सबको ये छूट दे दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में कहा कि निजी बैंक अब सरकारी बैंकों के साथ देश के विकास में बराबर के साथी होंगे.
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