जेट एयरवेज के लिए जगी उम्‍मीद, खाड़ी देश की एतिहाद ने लगाई बोली

अस्‍थायी तौर पर बंद हो चुकी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के लिए खाड़ी देश की एतिहाद एयरवेज ने बोली लगाई है.

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एतिहाद एयरलाइन ने लगाई बोली एतिहाद एयरलाइन ने लगाई बोली

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 12 मई 2019,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST

आर्थिक संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के अधिग्रहण के लिए खाड़ी देश की एतिहाद एयरवेज ने वित्तीय बोली जमा करा दी है. इसके अलावा कुछ बिना आमंत्रण वाले पक्षों से वित्तीय बोलियां मिली हैं. कर्जदाताओं के मुताबिक जेट एयरवेज के अधिग्रहण के लिए एतिहाद एयरवेज और कुछ बिना आमंत्रण वाले पक्षों से वित्तीय बोलियां मिली हैं. बता दें कि एतिहाद एयरलाइन का जेट एयरवेज में 20 फीसदी से ज्‍यादा निवेश है.

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8 से 12 अप्रैल के बीच मंगाई थी ईओआई

भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में 26 कर्जदाताओं की समिति ने 8 से 12 अप्रैल के बीच जेट एयरवेज के लिए रुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए थे. इसके लिए चार प्रारंभिक बोलियां मिली थीं. समिति की जेट में 51 फीसदी हिस्सेदारी है. कर्जदाताओं की समिति ने एयरलाइन कंपनी की 31.2 फीसदी से 75 फीसदी तक की हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की है. पात्र बोलीदाताओं की ओर से वित्तीय बोली जमा करने का आखिरी दिन शुक्रवार था. ऐसे में कहा जा सकता है कि यह जेट एयरवेज के अधिग्रहण की प्रक्रिया की शुरुआत है.

जेट एयरवेज को लेकर उम्‍मीद बढ़ी

एतिहाद एयरलाइन की बोली प्रक्रिया में शामिल होने से अस्‍थायी तौर पर बंद हो चुकी जेट एयरेवज की उम्‍मीदें बढ़ गई हैं. दरअसल, एतिहाद की जेट एयरवेज में पहले से निवेश है. हालांकि एतिहाद का कहना है कि हम एयरलाइन के मुख्य निवेशक नहीं बनना चाहते हैं. अन्य आवश्यकताओं के बीच जेट के आवश्यक री-कैप के लिए और उपयुक्त निवेशकों की जरूरत होगी. मौजूदा समय में जेट एयरवेज पर बैंकों का 8,000 करोड़ रुपये बकाया है. पैसों की तंगी की वजह से जेट एयरवेज के कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं मिल सकी है. वहीं जेट एयरवेज के 400 से अधिक स्‍लॉट दूसरी एयरलाइन कंपनियों को दे दिए गए हैं.

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एफडीआई नियमों के उल्‍लंघन का आरोप

इस बीच जेट एयरवेज पर एफडीआई नियमों के उल्‍लंघन के आरोप लगे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जेट एयरवेज और एतिहाद एयरवेज के लिए वर्ष 2014 में हुए 900 करोड़ रुपये के एक करार की जांच कर रहा है. ईडी की ओर से इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं इसमें विदेशी विनिमय से जुड़े नियमों का उल्लंघन तो नहीं हुआ है.

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