कॉरपोरेट जगत की ये टेंशन दूर, अहम फैसले से पीछे हटा सेबी, जानें कारण

SEBI ने कॉरपोरेट जगत के लिए मंगलवार को बड़ी राहत का ऐलान किया. यह राहत मार्केट कैप के लिहाज से सबसे बड़ी 500 लिस्टेड कंपनियों को मिली है. यह राहत एमडी और सीईओ के पदों को अलग-अलग करने के नियम के अमल से जुड़ा हुआ है.

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सेबी कैपिटल मार्केट का रेगुलेटर है. सेबी कैपिटल मार्केट का रेगुलेटर है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:03 PM IST
  • मार्च 2018 में इस बारे में हुआ था फैसला
  • वित्त मंत्री ने सेबी के बोर्ड से की बातचीत

किसी भी लिस्टेड कंपनी और खासकर मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी 500 कंपनियों में मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (MD & CEO) के पदों को अलग-अलग करने को लेकर मार्केट रेगुलेटर SEBI का रुख एक बार फिर नरम पड़ गया है. मार्केट रेगुलेटर के बोर्ड की बैठक में यह फैसला किया गया कि अब ऐसा करना स्वैच्छिक होगा. इससे पहले यह कहा गया था कि शीर्ष 500 कंपनियों को एक अप्रैल, 2022 से पहले इन दोनों पदों को अनिवार्य तौर पर अलग-अलग करना होगा. कैपिटल मार्केट रेगुलेटर के बोर्ड की नई दिल्ली में मंगलवार को बैठक हुई.

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SEBI ने महामारी की वजह से पैदा हुई बाधाओं और फैसले पर बेहद कम अनुपालन को हालिया निर्णय की मुख्य वजह बताया है. इस फैसले को सबसे पहले मार्च 2018 मंजूरी दी गई थी. इस संदर्भ में SEBI द्वारा जारी बयान में कहा गया है, "कॉरपोरेट गवर्नेंस रिफॉर्म को लेकर अब तक अनुपालन के काफी असंतोषजनक स्तर, अब तक प्राप्त हुए कई रिप्रजंटेशन, महामारी की वजह से पैदा हुई बाधाओं और कंपनियों को ज्यादा स्मूथ ट्रांजिशन को लेकर इनेबल करने के लिए इस पड़ाव पर सेबी बोर्ड ने फैसला किया है कि लिस्टेड कंपनियों के लिए यह प्रावधान अब अनिवार्य जरूरत की जगह स्वैच्छिक होगा."
 
अब तक इतनी बार बढ़ चुकी है डेट
इस सिलसिले में यह दिलचस्प रहा है कि इस बाबत मार्च 2018 में फैसला किया गया था. इस फैसले को जनवरी, 2020 से प्रभावी होना था. जनवरी 2020 में इसकी डेडलाइन को बढ़ाकर एक अप्रैल, 2022 कर दिया गया था. SEBI ने बताया है कि शीर्ष 500 कंपनियों में से 50.54 फीसद ने सितंबर 2019 तक दोनों पदों को अलग-अलग करने के प्रावधान पर अमल किया था. दिसंबर, 2021 तक Compliance Level 54 फीसदी तक पहुंच पाया था.

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SEBI ने कही ये बात
मार्केट रेगुलेटर ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है, "इस तरह देखा जाए तो पिछले दो साल में शीर्ष 500 लिस्टेड कंपनियों द्वारा किए जाने वाले Compliance में महज चार फीसदी का सुधार हुआ है. ऐसे में इस बात की उम्मीद बेमानी होगी कि टार्गेट डेट तक 500 कंपनियों में से 46 फीसदी इन नियमों का अनुपालन कर लेंगी."

वित्त मंत्री ने सेबी बोर्ड के साथ की बातचीत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में मंगलवार को सेबी बोर्ड के सदस्यों एवं वरिष्ठ अधिकारियों से बात की. सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने वित्त मंत्री को अहम ट्रेंड्स और भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट के आउटलुक को लेकर जानकारी दी. इसके अलावा पिछले साल बजट में कैपिटल मार्केट को लेकर किए गए ऐलान के अमल की स्थिति को लेकर उन्हें अवगत कराया.

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