ब्लॉकचेन का नहीं होगा बिटकॉइन वाला हाल, क्रिप्टो से ऐसे अलग मानती है सरकार

Blockchain तेजी से उभरती टेक्नोलॉजी है. क्रिप्टोकरेंसी में इसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. दुनियाभर की सरकारें क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन को लेकर नीति बनाने में लगी हैं. आइए जानते हैं कि भारत सरकार इस विषय में क्या सोचती है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:56 PM IST
  • सरकार ब्लॉकचेन के खिलाफ नहीं
  • CBDC भी ब्लॉकचेन पर आधारित होगी

भारत सरकार के वित्त सचिव टीवी सोमनाथन (TV Somanathan) ने कहा है कि ब्लॉकचेन (Blockchain) को लेकर सरकार की नीति का क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) या वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) से जुड़ी नीति से कोई लेनादेना नहीं है. उन्होंने साथ ही कहा कि पेमेंट्स या करेंसी को छोड़कर किसी भी अन्य क्षेत्र में ब्लॉकचेन के इस्तेमाल को लेकर किसी तरह की शंका नहीं होनी चाहिए.

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सोमनाथन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "ब्लॉकचेन को लेकर सरकार की नीति का क्रिप्टो एसेट्स या वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से कोई लेनादेना नहीं है." आइए जानते हैं इस मुद्दे पर सरकार का क्या रुख हैः

सरकार ब्लॉकचेन के खिलाफ नहीं

बजट के बाद बातचीत के दौरान सोमनाथन (Somanathan) ने कहा था कि सरकार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के खिलाफ नहीं है क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी है. उन्होंने कहा था कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के एक वर्जन पर आधारित होगा. उन्होंने साथ ही बताया था कि कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया ने एक खास कॉफी क्षेत्र की विशेष किस्म की पहचान करने के लिए ब्लॉकचेन-बेस्ड सिस्टम की शुरुआत की है. इससे ओरिजिन का प्रुफ मौजूद होने पर किसानों को कॉफी की ऊंची कीमत मिल पाएगी. 

SBI के पूर्व चेयरमैन ने कही ये बातें

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इसी बीच, SBI के पूर्व चेयरमैन और दिग्गज बैंकर रजनीश कुमार ने आजतक के सहयोगी पब्लिकेशन बिजनेस टुडे के 'BT Brainstorm' कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी के साथ आने वाली कठिनाइयों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा, "केवल हमारा ही देश ऐसा नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी नामक नई चीज से जूझ रहा है."

उन्होंने साथ ही था कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या CBDC के जरिए आरबीआई को मॉनेट्री ट्रांजैक्शन में इंटरमेडियरी नोड्स को हटा देना चाहिए. कुमार ने कहा कि ऐसा करने से ऑफलाइन ट्रांजैक्शन सहित सभी तरह के ट्रांजैक्शन में एफिशिएंसी आएगी.

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