Bihar Flood: बारिश के बाद अब बाढ़ बनी किसानों के लिए मुसीबत, दरभंगा में हजारों एकड़ धान डूबा

दरभंगा में लगातार तेज बारिश हो रही है. इस वजह से मूंग और मकई की फसल पहले ही सड़ गई लेकिन अब खेतों में बाढ़ का पानी भरने से धान के बिचरा भी डूब गए हैं. ऐसे में किसानों की रोजी रोटी पर भी संकट मंडराने लगा है. किसानों पर बारिश और बाढ़ की यह दोहरी मार किसी मुसीबत से कम नहीं है.

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प्रह्लाद कुमार

  • दरभंगा,
  • 05 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST
  • दरभंगा में लगातार हो रही बारिश से किसान परेशान
  • बारिश और बाढ़ के पानी से हजारों एकड़ खेत में धान डूबा

Bihar Flood: बिहार (Bihar) में लगातार हो रही बारिश अब मुसीबत बनती जा रही है. भारी बारिश के चलते गंडक, बागमती, कमला और महानंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. गंडक नदी के जलस्तर के बढ़ने से पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज और सारण में बाढ़ (Flood) जैसी स्थिति बन गई है, तो बागमती नदी ने दरभंगा में कहर बरपाना शुरू कर दिया है. नदी का जलस्तर बढ़ने से यहां के पंचोभ पंचायत में पानी खेतों में भर गया है. इसके चलते यहां किसानों का हजारों एकड़ धान डूब गया है. 

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बागमती के अलावा बिहार में खिरोई, कमला, लालबकेया और अधवारा समूह की नदियां भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. इन नदियां का पानी अब ग्रामीण इलाकों में घुसने लगा है. लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने से पंचोभ पंचायत में बाढ़ का पानी अपना दायरा बढ़ाने लगा है.


पहले तेज बारिश अब बाढ़ का पानी बना मुसीबत

दरभंगा में लगातार तेज बारिश हो रही है. इस वजह से मूंग और मकई की फसल पहले ही सड़ गई. लेकिन अब खेतों में बाढ़ का पानी भरने से धान के बिचरा भी डूब गए हैं. ऐसे में किसानों की रोजी-रोटी पर भी संकट मंडराने लगा है. किसानों पर बारिश और बाढ़ की यह दोहरी मार किसी मुसीबत से कम नहीं है.   

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14 किमी में हजारों एकड़ धान डूबा

पंचोभ के मुखिया और इलाके के बड़े किसान राजीव चौधरी ने बताया कि करीब 14 किमी एरिया में हजारों एकड़ खेतो में लगे धान के बिचारे डूब गए हैं. उन्होंने कहा, पहले किसानों की मूंग और मकई की फसल बर्बाद हुई और अब खेतों में पानी भरने से धान की रोपाई भी नहीं हो पाएगी. साथ ही खेतों में लगे धान के पौधे भी डूब गए हैं. चौधरी ने कहा, बाढ़ का पानी इलाके में तबाही मचा रहा है. उन्होंने कहा, ऐसे हालत में सब कुछ खत्म नजर आ रहा है. 
 
वही, गांव के दूसरे किसान विश्वनाथ यादव ने बताया कि वे करीब चार से पांच एकड़ में धान की खेती करते हैं, अभी धान का बीज खरीद कर खेत में लगाया लेकिन बाढ़ के पानी में सब डूब गए, अब उम्मीद भी नहीं है कि धान की रोपाई भी हो सके. ऐसे में बाढ़ और बारिश की मार से किसानों की खेती को काफी नुकसान हो रहा है.


 

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