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अब किसानों से जबरन कर्ज वसूल नहीं कर पाएंगे बैंक, इस राज्य में मनमानी पर लगी लगाम

राजस्थान सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार किसान ऋण राहत विधेयक को विधानसभा में 2 अगस्त को ही पास करा दिया है. इसके पारित होने ही अब बैंक किसानों से जबरन कर्ज वसूली नहीं कर पाएंगे.

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Farmers debt relief bill
Farmers debt relief bill

देश की आधी से ज्यादा आबादी खेती-किसानी पर निर्भर है. ऐसा होने के बावजूद किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है. प्राकृतिक आपदाओं के चलते किसानों को हर साल भारी नुकसान होता है. किसान बैंक के कर्ज के तले दब जाते हैं. कर्ज चुका न पाने की स्थिति में कई बार बैंक किसानों पर तरह-तरह के तरीकों से परेशान करता है. इन किसानों को राहत प्रदान करने के लिए राजस्थान सरकार ने विधानसभा सत्र में एक विधेयक पास कराया है. इस विधेयक के मुताबिक अब बैंक किसान से जबरन कर्ज वसूली नहीं कर पाएंगे.

अब किसान ऋण राहत आयोग का होगा गठन

इस विधेयक के पारित होने के बाद किसान ऋण राहत आयोग के गठन का रास्ता साफ हो गया है.आयोग के गठन के बाद बैंक या कोई भी वित्तीय संस्थान किसी भी कारण से फसल बर्बाद होने की स्थिति में ऋण वसूली के लिए दबाव नहीं बना सकेंगे. किसान फसल खराब होने की स्थिति में कर्ज माफी की मांग को लेकर इस आयोग में आवेदन कर सकेंगे. आयोग किसानों का कर्ज माफ करने या फिर उनकी मदद करने करने का फैसला ले सकती है.  राज्य कृषक ऋण राहत आयोग में अध्यक्ष सहित 5 सदस्य होंगे. हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अध्यक्ष होंगे?

आयोग के सदस्यों का होगा इतने साल का कार्यकाल

इस आयोग का कार्यकाल तीन साल का होगा. आयोग के अध्यक्ष और मेंबर का कार्यकाल भी तीन साल का होगा. सरकार अपने स्तर पर आयोग की अवधि को बढ़ा भी सकेगी और किसी भी मेंबर को हटा सकेगी. आयोग में एसीएस या प्रमुख सचिव रैंक पर रहे रिटायर्ड आईएएस, जिला और सेशन कोर्ट से रिटायर्ड जज, बैंकिंग सेक्टर में काम कर चुके अफसर और एक एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट को मेंबर बनाया जाएगा. सहकारी समितियों के एडिशनल रजिस्ट्रार स्तर के अफसर को इसका सदस्य सचिव बनाया जाएगा.

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किसानों का कर्ज भी माफ कर सकता है आयोग

इस आयोग के आने के बाद बैंक किसानों पर जबरन कर्ज वसूली के लिए दबाव नहीं बना पाएंगे. आर्थिक स्थिति खराब होने की स्थिति में भी किसान कर्ज माफी के लिए आवेदन कर सकते हैं. आयोग अपने विवेक के आधार पर किसानों का कर्ज माफ कर सकता है. जबतक किसान का मामला आयोग में लंबित रहेगा. बैंक उसपर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर सकता है.

 

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