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खाद के लिए परेशान अन्नदाता, भूखे-प्यासे रातभर लाइन में खड़े रहे हजारों किसान, Video

जगह-जगह यूरिया खाद का संकट गहराता जा रहा है. एक बोरी खाद पाने के लिए किसानों को रातभर लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है. अव्यवस्थित वितरण व्यवस्था और कालाबाजारी के आरोपों ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.

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खाद न मिलने पर किसानों में गुस्सा और निराशा है. (Photo-ITG)
खाद न मिलने पर किसानों में गुस्सा और निराशा है. (Photo-ITG)

मध्य प्रदेश के रीवा जिले का अन्नदाता इन दिनों यूरिया खाद संकट से जूझ रहा है. हालात ऐसे हैं कि एक बोरी खाद पाने के लिए किसानों को रातभर भूखे-प्यासे मंडी और खाद गोदामों में लाइन लगानी पड़ रही है. मंगलवार को करहिया मंडी में यूरिया की रैक पहुंचने की खबर मिलते ही हजारों की संख्या में किसान, महिलाएं और बच्चे गोदाम के बाहर जमा हो गए. भीड़ बढ़ने पर पुलिस बल और कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगानी पड़ी.

लंबी कतारों में खड़े किसानों ने बताया कि वे पिछले 10–15 दिनों से खाद वितरण केंद्रों का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. उनका आरोप है कि समितियों के साथ-साथ निजी दुकानदारों को भी खाद दी जा रही है और वहां तीन गुना महंगे दाम पर बेची जा रही है.

मंडी परिसर में रातभर रुके किसानों को न तो पानी मिला और न ही खाने-पीने की सुविधा. हालात बिगड़ते देख प्रशासन को व्यवस्था बनाने के लिए समझाइश देनी पड़ी.

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नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला ने बताया कि इस समय 80 टन खाद का स्टॉक उपलब्ध है. किसानों की सुविधा के लिए तीन काउंटर बनाए गए हैं और रकबे के हिसाब से वितरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है, सभी को खाद उपलब्ध कराई जाएगी.

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इसके बावजूद, किसानों में गुस्सा और निराशा साफ झलक रही है. उनका कहना है कि जब तक वितरण व्यवस्था पारदर्शी और व्यवस्थित नहीं होगी, तब तक अन्नदाता की परेशानियां कम नहीं होंगी.

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