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चावल के खेत में केकड़े छोड़ते हैं किसान, फिर फसल होती है तैयार...चीन में ऐसे की जाती है जैविक खेती!

चीन के किसान चावल-केकड़ा विधि का एक अनोखा तरीका अपनाकर फसल को बेहतर और नेचुरल बना रहे हैं. आइए जानते हैं यह खास विधि क्या है जिसके कई फायदे बताए जा रहे हैं.

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केकड़ों की मल से चावल की फसल को फायदा मिलता है (Photo: X/@Natie2Natie)
केकड़ों की मल से चावल की फसल को फायदा मिलता है (Photo: X/@Natie2Natie)

चावल की अच्छी पैदावार के लिए आपने खाद, कीटनाशक और कई अन्य तकनीकों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी केकड़ा विधि के बारे में सुना है? इस विधि में बताया जा रहा है कि कैसे केकड़ों की मदद से चावल की फसल को बेहतर बनाया जा सकता है. एक यूजर ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया है, जिसमें  बताया है कि चीन में केकड़ों की मदद से चावल की खेती को कैसे बेहतर बनाया जा रहा है.

खेत में छोड़े जाते हैं केकड़े!

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर @Natie2Natie नाम की यूजर ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि... बिल्कुल शानदार है चीन की ये चावल-केकड़ा खेती विधि... इसमें किसान छोटे केकड़े चावल के खेतों में छोड़ते हैं. ये केकड़े खरपतवार और कीटों को खा जाते हैं, और उनका मल चावल के लिए जैविक खाद का काम करता है, यह 100% ऑर्गेनिक भी है. इसकी कटाई के समय किसानों को दोहरा इनाम के रुप में प्रीमियम क्वालिटी की फसल और लग्जरी हेरी केकड़े मिलते हैं. यह एकदम परफेक्ट इकोलॉजिकल सर्कल है.

क्या बताए जा रहे हैं इसके अहम फायदे?

  • पर्यावरण के अनुकूल
  • नेचुरल और आसान तरीका
  • मिट्टी की सेहत बेहतर
  • अच्छी उपज के ज्यादा चांस

इस केकड़ा चावल खेती के कई फायदे बताए जा रहे हैं, इसे पर्यावरण के अनुकूल, नेचुरल व आसान और मिट्टी की सेहत के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है. इससे अच्छी उपज होने का अंदाजा भी लगाया जा रहा है.

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यूजर ने शेयर किया है वीडियो

सोशल मीडिया प्लेटफार्म x पर शेयर इस वीडियो में बताया जा रहा है कि यह चीन में चावल को बिना पेस्टिसाइड के ग्रो करने का एक खास तरीका है. इसके लिए बेबी क्रेब्स यानी छोटे केकड़े जो, चींटी की तरह दिखाई दे सकते हैं, पर ये नेचुरल खरपतवार को नाश करने की विधि है. वीडियो में बताया जा रहा है कि दक्षिणी चीन में चावल के बड़े-बड़े खेतों में किसान रासायनिक खरपतवार-नाशकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इसके बजाय, वे हजारों छोटे केकड़े खेतों में छोड़ देते हैं, ये छोटे जीव लगातार चलते रहते हैं, मिट्टी को फायदा पहुंचाते हैं.

बताया गया है कि उनका मल पोषक तत्वों से भरपूर होता है, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और कैल्शियम जैसे तत्व जो चावल की फसल के लिए जरूरी हैं वो इनकी मदद से फसलों को मिल जाता है, इसलिए किसानों को रासायनिक खाद की भी जरूरत नहीं है. इसकी मदद से एक ही खेत से दो कमाई होती है, इससे प्रीमियम ऑर्गेनिक चावल और ऊंचे दामों में बिकने वाले हेरी केकड़े मिल जाते हैं

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