नेपाल में पिछले दस सालों में नौ सरकारें बनीं, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता बनी रही. जनता का गुस्सा केवल मौजूदा सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरी राजनीतिक व्यवस्था के खिलाफ है. पूर्व प्रधानमंत्रियों, विदेश मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के घरों पर हमले हुए हैं. हालांकि, राष्ट्रपति ने इस्तीफा नहीं दिया है और संवैधानिक तरीके से समाधान की बात कही है. भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और खराब अर्थव्यवस्था ने लोगों में आक्रोश बढ़ाया है. एक विशेषज्ञ के अनुसार, "ट्रस्ट डेफिसिट एक बड़ा मुद्दा है. यदि विश्वास का संकट होगा, किसी भी राजनीतिक व्यवस्था के लिए तो कहीं ना कहीं उसके असर जो है अंजाम जो है यही होंगे."