अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि ईरान पर हमले का फैसला आखिरी वक्त पर लिया गया. इससे पहले ट्रंप ने दो सप्ताह में फैसला लेने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने इस कदम को गंभीरता से लिया. अब ईरान को बातचीत शुरू करने का मौका मिला है और उसे बातचीत की मेज पर आना चाहिए.