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ट्रंप ने पेश की शांति योजना, कहा- यरुशलम रहेगी इजराइल की राजधानी, फिलिस्तीन ने किया खारिज

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच की लड़ाई को खत्म करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने मिडिल ईस्ट प्लान पेश किया. हालांकि, फिलिस्तीन ने ट्रंप के इस प्लान को खारिज कर दिया.

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डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

  • ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पेश किया मिडिल-ईस्ट प्लान
  • इजराइल बोला- ऐतिहासिक, फिलिस्तीन ने किया खारिज

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल-फिलिस्तीन के बीच लम्बे समय चली आ रही लड़ाई को खत्म करने के लिए पश्चिम एशिया शांति योजना पेश की. लेकिन फिलिस्तीन ने ट्रंप की इस शांति योजना को सिरे से खारिज कर दिया. हालांकि, इजराइल ने ट्रंप के इस प्लान की तारीफ की और इसे ऐतिहासिक बताया.

ट्रंप ने इजराइल-फिलिस्तीन विवाद को हल करने के मकसद से अपनी पश्चिम एशिया योजना का विवरण पेश किया. ट्रंप ने कहा, 'शांति योजना के मुताबिक यरुशलम इजराइल की अविभाजित राजधानी रहेगी.'

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह प्लान मंगलवार को व्हाइट हाउस में पेश किया. इस दौरान इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी वहां मौजूद थे, लेकिन फिलिस्तीन की तरफ से कोई भी प्रतिनिधि वहां मौजूद नहीं था.

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ट्रंप ने शांति योजना को पेश करते हुए कहा कि इजराइल ने शांति की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. इस योजना के तहत यरुशलम, इजराइल की अविभाजित राजधानी रहेगा. साथ ही ट्रंप ने फिलिस्तीन की राजधानी के लिए पूर्वी यरुशलम का प्रस्ताव पेश दिया. ट्रंप ने कहा, 'यह उनके लिए (फिलिस्तीनियों के लिए) अंतिम मौका हो सकता है.'

हालांकि, ट्रंप के इस शांति योजना को सिरे खारिज करते हुए फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि यह प्रस्ताव व शांति योजना इजराइल का पक्षधर है इसलिए हम इसे खारिज करते हैं. उन्होंने कहा कि वह झुकेने वाले नहीं हैं, वो इजराइल का विरोध करते रहेंगे.

अब्बास ने कहा, 'आज हमने जो बकवास सुनी है, उसके बाद हम इस शांति योजना डील के लिए एक हजार बार ना कहते हैं.' फिलिस्तीनी राष्ट्रपति के अलावा फिलिस्तीनी इस्लामी आंदोलन हमास ने भी अमेरिका द्वारा प्रस्तावित इज़राइल-फिलिस्तीन शांति प्रस्ताव को तत्काल खारिज कर दिया.

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हमास के वरिष्ठ अधिकारी खलील अल-हाय्या ने एएफपी को बताया, 'हम इस प्रस्ताव को खारिज करते हैं. हम फिलिस्तीन की राजधानी के रूप में यरुशलम के अलावा किसी और विकल्प को स्वीकार नहीं करेंगे.'

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बता दें कि साल 2017 में अमेरिका द्वारा इजराइल की राजधानी के रूप में जेरूशलम को मान्यता देने और 2018 में अमेरिकी दूतावास जेरूशलम स्थानांतरित करने पर अमेरिका और फिलिस्तीन के राजनीतिक संबंध नाजुक स्थिति में पहुंच गए. तभी से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है.

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