अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया 'युद्ध' को रुकवाया. ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच का संघर्ष "संभवतः परमाणु युद्ध में बदलने वाला था."
व्हाइट हाउस में कांग्रेस सदस्यों के साथ एक स्वागत समारोह में उन्होंने कहा, "हमने भारत और पाकिस्तान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और रवांडा के बीच युद्ध रोक दिए."
7 मई को भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. और पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी कैंपों पर हमला किया.
ट्रंप ने इस हमले का जिक्र कांग्रेस सदस्यों के साथ करते हुए कहा, "उन्होंने पांच विमान मार गिराए और यह लड़ाई आगे-पीछे, आगे-पीछे, आगे-पीछे होती रही. मैंने उन्हें फोन किया और कहा, 'सुनिए, अब और व्यापार नहीं. अगर आप ऐसा करेंगे तो आपका अच्छा नहीं होगा. वे दोनों शक्तिशाली परमाणु बम संपन्न देश हैं, और कौन जाने इसका अंजाम क्या होता. मैंने इसे रुकवा दिया."
ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका ने ईरान के पूरी परमाणु क्षमता को खत्म कर दिया है और कोसोवो और सर्बिया के बीच की लड़ाई को भी रुकवा दिया है.
उन्होंने स्वयं ही अपनी सरकार की तारीफ करते हुए कहा, "हमने उन टकरावों को रोका जो संभवतः युद्ध में परिणत हो सकता था. हम ऐसा अमेरिका की ओर से कॉम्पलिमेंट के रूप में करते हैं, क्या आपको लगता है कि बाइडेन ऐसा करते? मुझे नहीं लगता. क्या आपको लगता है कि उन्होंने कभी इनमें से किसी देश के बारे में सुना होगा? मुझे नहीं लगता."
राष्ट्रपति ट्रंप ने बार-बार कहा है कि उन्होंने व्यापार के ज़रिए भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रुकवाया है. ट्रंप ने पिछले शुक्रवार को पहली बार कहा कि लड़ाई के दौरान "पांच जेट मार गिराए गए." हालांकि उन्होंने किसी देश का जिक्र नहीं किया.
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सीनेटरों के लिए आयोजित एक रात्रिभोज के दौरान अपनी टिप्पणी में कहा था, "भारत-पाकिस्तान के बीच ये हो रहा था. विमानों को हवा में ही मार गिराया जा रहा था, पांच, चार या पांच. लेकिन मुझे लगता है कि असल में पांच जेट मार गिराए गए थे... स्थिति और भी बदतर होती जा रही थी, है ना? ऐसा लग रहा था कि ये आगे भी जारी रहेगा, ये दो गंभीर परमाणु संपन्न देश हैं और एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे.
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर 10 मई को हुआ था.
10 मई के बाद से, जब ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान वाशिंगटन की मध्यस्थता में के बाद “पूर्ण और तत्काल” युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं, ट्रंप ने कई मौकों पर अपना दावा दोहराया है कि उन्होंने तनाव का “समाधान” करने में मदद की और उन्होंने परमाणु संपन्न दक्षिण एशियाई पड़ोसियों से कहा कि यदि वे संघर्ष को रोक देते हैं तो अमेरिका उनके साथ “बहुत सारा व्यापार” करेगा.
राष्ट्रपति ट्रंप के दावे पर भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी का बयान आया था. विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर हुई लंबी बातचीत का हवाला देते हुए कहा था कि पीएम मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट रूप से बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद के दिनों में "किसी भी समय" किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका ट्रेड डील या भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका द्वारा मध्यस्थता के किसी प्रस्ताव पर कोई चर्चा नहीं हुई थी.
विक्रम मिसरी ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने दृढ़ता से कहा था कि भारत मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता और न ही कभी करेगा. विक्रम मिसरी ने कहा था कि सैन्य कार्रवाई रोकने पर चर्चा भारत और पाकिस्तान के बीच दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत हुई थी और इसकी शुरुआत पाकिस्तान के अनुरोध पर हुई थी.