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टैरिफ ऐलान में देरी और चेतावनी का मतलब क्या... BRICS देशों को ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे ट्रंप?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को BRICS के साथ गठबंधन करने वाले देशों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी, उन्होंने इस ग्रुप पर अमेरिका विरोधी नीतियों का आरोप लगाया.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने प्रमुख व्यापारिक साझेदारों को हाई टैरिफ की धमकी दी. लेकिन 1 अगस्त तक टैरिफ बढ़ोतरी को टाल दिया, जिससे बातचीत के लिए वक्त मिल सके. जापान, साउथ कोरिया और 12 अन्य देशों को 1 अगस्त से 25 फीसदी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.

डोनाल्ड ट्रंप ने देश के नेताओं को पत्र भेजकर और सोशल मीडिया पर पोस्ट करके नई टैरिफ दरों का ऐलान किया. वह इस हफ्ते अन्य देशों को भी निशाना बनाने की धमकी दे रहे हैं. ये दरें अप्रैल में ऐलान की गईं हाई ड्यूटीज की जगह ले रही हैं, जिन्हें पहले व्यापार समझौतों पर बातचीत करने के लिए 90 दिनों के लिए रोक दिया गया था.

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को BRICS के साथ गठबंधन करने वाले देशों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी, उन्होंने इस ग्रुप पर अमेरिका विरोधी नीतियों का आरोप लगाया.

मौजूदाव वक्त में क्या नया है?

डोनाल्ड ट्रंप ने जापान और साउथ कोरिया सहित 14 देशों से कहा कि वे 1 अगस्त तक नए व्यापार सौदे करें या करीब 25 फीसदी टैरिफ का सामना करें. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ब्रिटेन और चीन के साथ सौदे किए हैं और भारत के साथ भी एक सौदा करने वाले हैं.

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ट्रंप के इस कदम से ग्लोबल ट्रेड बाधित होता है, कीमतों पर असर पड़ता है और टॉप अमेरिकी आपूर्तिकर्ताओं के लिए अनिश्चितता बढ़ती है. ट्रंप ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें रोक को बढ़ाया गया और देशों को उनके निर्यात पर नए अमेरिकी टैक्स के बारे में अधिसूचित किया गया.

अभी क्या स्थिति है?

  • 6 देशों पर पहले से ही 25-40 फीसदी टैरिफ लागू है.
  • जापान और साउथ कोरिया पर 25 फीसदी टैरिफ लागू है.
  • 1 अगस्त, 2025 थाईलैंड पर 36 फीसदी और बांग्लादेश पर 35 फीसदी टैरिफ लागू होंगे.
  • ब्रिक्स के 10 सदस्यों पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लागू होने की आशंका है.

आगे क्या होगा?

जिन व्यापारिक साझेदारों को पत्र नहीं मिले हैं, उनमें यूरोपीय संघ, भारत, ताइवान, ब्राजील, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. ऑस्ट्रेलिया सकारात्मक तरीके से बातचीत कर सकता है. भारत को सौदे की उम्मीद थी, जबकि सबसे विवादास्पद यूरोपीय संघ का मानना ​​है कि वह पत्र से बच सकता है.

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जिन देशों के साथ कोई डील नहीं हुई है, उन्हें पत्र मिल रहे हैं. अमेरिका ने जापान, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों को टारगेट करते हुए ऑनलाइन टैरिफ नोटिस पोस्ट किए हैं. इन पत्रों में 25 फीसदी टैरिफ है, जो कुछ मामलों में 40 फीसदी तक बढ़ जाता है. ट्रंप ने 1 अगस्त तक नए टैरिफ को स्थगित करने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए.

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इसके साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी है कि ब्रिक्स देशों और उनका समर्थन करने वाले देशों को अतिरिक्त 10 फीसदी टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है. यह तब हुआ, जब ब्रिक्स नेताओं की रियो डी जेनेरियो में मीटिंग हुई. ट्रंप ने ग्रुप पर 'अमेरिकी विरोधी' नीतियों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया.

यह भी पढ़ें: 24 घंटे में ₹131000Cr स्वाहा, ट्रंप से तकरार और राजनीति में एंट्री से हर दिन घट रही मस्‍क की दौलत

ब्रिक्स देशों ने रविवार को एक बयान जारी किया, जिसमें टैरिफ और विदेश नीतियों की आलोचना की गई, लेकिन सीधे अमेरिका या ट्रंप का नाम नहीं लिया गया. बयान में कहा गया कि एकतरफा टैरिफ ग्लोबल ट्रेड को नुकसान पहुंचाते हैं, आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करते हैं और अनिश्चितता पैदा करते हैं. इसने पिछले महीने ईरान पर हुए सैन्य हमलों की भी निंदा की और उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया.

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ब्रिक्स की स्थापना 2006 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर की थी. दक्षिण अफ्रीका 2010 में इसमें शामिल हुआ. ईरान, मिस्र, इथियोपिया और यूएई 2024 में इसके सदस्य बनेंगे. इंडोनेशिया इस साल इसमें शामिल हुआ. 30 से ज़्यादा देशों ने इसके लिए आवेदन किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा भारत अगले साल ब्रिक्स को फिर से परिभाषित करेगा और ग्लोबल साउथ के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा.

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डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "अमेरिका विरोधी ब्रिक्स नीतियों के साथ जुड़ने वाले किसी भी देश पर अतिरिक्त 10 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा."

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने कहा, "दुनिया को ऐसा सम्राट नहीं चाहिए, जो इंटरनेट पर अपनी भड़ास निकालता हो." प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता के तहत हम ब्रिक्स को नए रूप में परिभाषित करने के लिए काम करेंगे."

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