scorecardresearch
 

गाजा संघर्ष के बीच एर्दोगन का 'डबल गेम'... नेतन्याहू को बताते हैं हिटलर फिर भी इजरायल को भेज रहे कच्चा तेल

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन गाजा में युद्ध के लिए नेतन्याहू पर हमलावर रहे हैं. तुर्की ने इजरायल से व्यापार पर प्रतिबंध भी लगाया है. बावजूद इसके, तुर्की से कच्चा तेल इजरायल पहुंच रहा है.

Advertisement
X
बैन लगाने के बावजूद तुर्की इजरायल को तेल की सप्लाई कर रहा है (File Photo: Reuters)
बैन लगाने के बावजूद तुर्की इजरायल को तेल की सप्लाई कर रहा है (File Photo: Reuters)

नेतन्याहू हिटलर के रिश्तेदार जैसे हैं... जिस तरह हिटलर अपने सामने आने वाली हार को नहीं देख सका था, उसी तरह नेतन्याहू को भी आखिर में वही अंजाम भुगतना पड़ेगा- ये बयान तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन का है जो उन्होंने पिछले महीने दोहा पर इजरायली हमले के बाद दिया था. गाजा पर इजरायल के जारी हमलों की लगातार निंदा करने वाले एर्दोगन ने कतर पर हमले के लिए भी इजरायल की कड़ी आलोचना की थी. लेकिन अब एक ऐसी खबर सामने आ रही है जिससे फिलिस्तीनियों को लेकर एर्दोगन के समर्थन पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

इजरायल के साथ व्यापार पर बैन लगाने की बात करने वाला तुर्की चोरी-छिपे उसे कच्चा तेल भेज रहा है. मिडिल-ईस्ट कवर करने वाली ब्रिटेन स्थित वेबसाइट 'मिडिल ईस्ट आई' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल को कच्चा तेल पहुंचाने वाला एक तेल टैंकर तुर्की के जेहान बंदरगाह से 'अज्ञात गंतव्य' की तरफ रवाना हो गया है

फिलिस्तीनी यूथ मूवमेंट और नो हार्बर फॉर जेनोसाइड नामक संगठनों के शोधकर्ताओं ने वाणिज्यिक व्यापार और ट्रैकिंग डेटा का हवाला देते हुए बताया कि निसोस टिनोस (Nissos Tinos) नाम का टैंकर 4 अक्टूबर को जयहान बंदरगाह पर पहुंचा था और उसने करीब 33,830 टन कच्चा तेल लादा. यह टैंकर 6 अक्टूबर सुबह 6:38 बजे (स्थानीय समय) रवाना होने के लिए तय था.

कई बार इजरायल को तेल सप्लाई कर चुका है टैंकर

हालांकि, टैंकर का फाइनल डेस्टिनेशन क्या है, इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन सैटेलाइट इमेज और ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (AIS) डेटा से पता चला है कि पिछले दो बार यह टैंकर इजरायल को तेल की सप्लाई कर चुका है.

Advertisement

डेटा के मुताबिक, यह टैंकर 23 सितंबर को जयहान से रवाना हुआ था और 25 सितंबर को इजरायली बंदरगाह अशकेलॉन पहुंचा था. इससे पहले 10 सितंबर को यह रूस के नोवोरोसिस्क बंदरगाह से निकला था और 20 सितंबर को इजरायल पहुंचा था.

अपनी जरूरत का 30% कच्चा तेल तुर्की से खरीदता है इजरायल 

जेहान बंदरगाह ब्रिटिश पेट्रोलियम (BP) के स्वामित्व वाली बाकू-त्बिलिसी-जेहान (BTC) पाइपलाइन का अंतिम पड़ाव है, जो अजरबैजान से कच्चा तेल लाती है. इसी पाइपलाइन से निकला तेल हैदर अलीयेव टर्मिनल से इजरायल भेजा जाता है. यह इजरायल की कुल कच्चे तेल की खपत का लगभग 30% हिस्सा है.

एक जांच रिपोर्ट- 'एनर्जी एम्बार्गो फॉर पेलेस्टाइन' में दावा किया गया था कि इसी पाइपलाइन से मिलने वाला तेल इजरायली फाइटर जेट्स के ईंधन के रूप में इस्तेमाल होता है. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) यह तय करता है कि गाजा में इजरायल नरसंहार कर रहा है, तो तुर्की की भूमिका अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन मानी जा सकती है.

इजरायल जाने के लिए ट्रैकर बंद कर देती है जहाज

रिसर्चर्स के मुताबिक, निसोस टिनोस ने हर बार की तरह इस बार भी बंदरगाह से निकलते ही अपना ट्रैकिंग सिस्टम बंद कर दिया है जिससे उसका ट्रैवल रिकॉर्ड डेटा में नहीं दिख रहा.

Advertisement

इसके बावजूद, रिसर्चर्स सैटेलाइट इमेज और AIS डेटा की मदद से जहाज की लोकेशन ट्रैक करते हैं. इसे पहले जयहान पर और बाद में अशकेलॉन पर ट्रैक किया जाता है जब इसका ट्रैकर बंद होता है.

उन्होंने बताया कि पिछले सफर में जहाज ने 23 सितंबर को 15.6 मीटर ड्राफ्ट के साथ जयहान छोड़ा और बताया गया कि यह मिस्र के पोर्ट सईद जा रहा है. लेकिन 24 सितंबर को यह इजरायल के हाइफा बंदरगाह की दिशा में मुड़ गया और ट्रैकर बंद कर दिया. 26 सितंबर की सैटेलाइट इमेज में यह अशकेलॉन बंदरगाह पर दिखाई दिया.

कई और टैंकर भी इसी रास्ते से जाते हैं इजरायल

रिसर्चर्स ने यह भी बताया कि किमोलोस (Kimolos) नाम का एक और टैंकर भी इसी पैटर्न पर चला. टैंकर 27 सितंबर को जयहान से निकला, बताया कि पोर्ट सईद जाना है और ट्रैकर बंद करने के बाद अशकेलॉन में दिखाई दिया.

किमोलोस उन 36 जहाजों की ब्लॉकलिस्ट में शामिल है जिन्हें 'नो हार्बर फॉर जेनोसाइड' ने लिस्टेड किया है. यानी वो जहाज जो इजरायल को लगातार ईंधन और हथियार पहुंचा रहे हैं.

तुर्की के प्रतिबंधों के बावजूद जारी सप्लाई

तुर्की ने मई 2024 में इजरायल पर व्यापार प्रतिबंध लगाया था. लेकिन स्टॉप फ्यूलिंग जेनोसाइड अभियान की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की और इजरायल के बीच कच्चे तेल की आवाजाही जारी रहीं.

Advertisement

29 अगस्त को तुर्की ने इजरायल पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की थी- जिनमें इजरायली विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद करना और इजरायली जहाजों को तुर्की बंदरगाहों में प्रवेश से रोकना शामिल था.

फिलिस्तीनी यूथ मूवमेंट के एक रिसर्चर ने कहा, 'यह सिर्फ एक शिपमेंट का मामला नहीं है बल्कि तुर्की से कई शिपमेंट इजरायल पहुंच रहे हैं. हर महीने कई बार ऐसे ट्रांसफर होते हैं, जिनसे सैकड़ों हजार टन तेल इजरायल पहुंचता है. तुर्की के बंदरगाहों से आने वाले इस तेल के बिना इजरायल अपनी सेना को ईंधन नहीं दे सकता.'

तुर्की सरकार के दावे और सच्चाई

तुर्की की ऊर्जा मंत्रालय ने बार-बार यह दावा किया है कि मई के बाद से इजरायल जाने वाले किसी भी तेल टैंकर को जेहान से रवाना नहीं किया गया है. मंत्रालय का कहना है कि BTC पाइपलाइन से तेल निर्यात करने वाली कंपनियां सरकार के निर्देशों का पालन कर रही हैं.

हालांकि अगस्त में रॉयटर्स ने खुलासा किया था कि तुर्की बंदरगाह अधिकारी अब शिपिंग एजेंटों से लिखित आश्वासन मांग रहे हैं कि उनके जहाजों का इजरायल से कोई संबंध नहीं है. लेकिन यह आदेश मौखिक रूप से दिए गए थे, किसी आधिकारिक दस्तावेज में नहीं.

संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय व्यापार सांख्यिकी डेटाबेस के अनुसार, 2024 में तुर्की इजरायल का पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक देश था. यह ऐसे वक्त में हुआ जब तुर्की ने व्यापार पर 'पूर्ण प्रतिबंध' लगाया हुआ था.

Advertisement

सितंबर 2024 में तुर्किश एक्सपोर्टर्स असेंबली के आंकड़ों ने भी दिखाया कि तुर्की से इजरायल को निर्यात प्रतिबंध के बाद भी जारी रहा. बस अब तुर्की ग्रीस जैसे तीसरे देशों के जरिए इजरायल को सप्लाई कर रहा है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement