बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की नेता शेख हसीना ने शारदीय नवरात्रि के अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं. अपने संदेश में उन्होंने देश के सामने मौजूद गंभीर संकटों का जिक्र करते हुए कहा कि अवामी लीग को उम्मीद है कि बांग्लादेश की जनता एक बार फिर इन चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर अपनी आजादी को पुनः स्थापित करेगी.
हसीना ने अपने संदेश में कहा, 'शारदीय उत्सव के इस अवसर पर मैं सभी देशवासियों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं और प्यार भेजती हूं. रीति-रिवाजों और प्रार्थनाओं के साथ-साथ इस त्योहार के सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू हम सभी के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो इसे धर्म और जाति से परे सार्वभौमिक बनाते हैं.' बता दें कि पिछले साल कोटा सिस्टम के खिलाफ शुरू हुआ छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था और 5 अगस्त को शेख हसीना को देश छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा. वह तबसे भारत में रह रही हैं.
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कट्टरपंथी समूहों के चंगुल में है बांग्लादेश: हसीना
उन्होंने बांग्लादेश के लोगों की एकजुटता और आपसी प्रेम की भावना को रेखांकित करते हुए कहा कि आज देश षड्यंत्रकारियों और कट्टरपंथी समूहों के चंगुल में है, जो लोगों को बांटने और देश को नष्ट करने की सियासत में लगे हैं. अवामी लीग इसका डटकर मुकाबला करेगी. हसीना ने पिछले साल 5 अगस्त के बाद बांग्लादेश में रहने वाले सनातन धर्म के अनुयायियों (हिंदू अल्पसंख्यकों) पर हुए बहुआयामी हिंसा की निंदा की, जिसने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया.
शेख हसीना ने अपने संदेश में कहा, 'पहले बांग्लादेश में दुर्गा पूजा ज्यादातर परिवारों में ही मनाई जाती थी, लेकिन अब सामुदायिक (बारोवरी) दुर्गा पूजा ज़्यादा प्रचलित है. पिछले साल 5 अगस्त के बाद सनातन धर्म के अनुयायियों पर हुई बहुआयामी हिंसा ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया है. धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के इस भयावह दौर में भी, मैं बांग्लादेश में सनातन धर्म के सभी अनुयायियों को अपनी शुभकामनाएं देती हूं.'
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सभी बुराइयों को मिटाकर खुशियां लाएंगे: हसीना
उन्होंने उम्मीद जताई कि शारदीय नवरात्रि के ये दिन सभी बुराइयों को मिटाकर खुशियां लाएंगे और भविष्य का बांग्लादेश एक बार फिर सांप्रदायिक सौहार्द और धार्मिक विविधता का उत्सव मनाने वाला देश बनेगा. उन्होंने कहा, 'हर सुख-दुख में हम एक-दूसरे के साथ रहेंगे.' अंत में, शेख हसीना ने अपने संदेश को 'जय बांग्ला, जय बंगबंधु' के नारे के साथ समाप्त करते हुए कहा, 'अंधेरा सुबह में बदल जाए, बांग्लादेश हमेशा जिंदा रहे.'