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अगले साल भारत के दौरे पर आ सकते हैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, PM मोदी ने दिया था निमंत्रण

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भारत-रूस के मजबूत द्विपक्षीय रिश्तों का उल्लेख करते हुए कहा कि पुतिन का भारत दौरा योजना के तहत हो सकता है. हालांकि, उन्होंने यात्रा की तारीखों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने रूस में कज़ान शहर का दौरा किया था, जहां उन्होंने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया था.

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अगले साल भारत के दौरे पर आ सकते हैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन. (सांकेतिक फोटो)
अगले साल भारत के दौरे पर आ सकते हैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन. (सांकेतिक फोटो)

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले साल भारत का दौरा कर सकते हैं. राजनयिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि दोनों देशों के नेताओं की पारस्परिक वार्षिक यात्राओं के लिए निर्धारित व्यवस्था के तहत पुतिन अगले साल भारत का दौरा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष यात्रा की संभावना पर विचार कर रहे हैं लेकिन अभी तक कुछ भी आधिकारिक रूप से तय नहीं हुआ है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई में मॉस्को में आयोजित शिखर वार्ता के दौरान राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया था. 

क्रेमलिन के प्रवक्ता ने क्या कहा

इससे पहले मंगलवार को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भारत-रूस के मजबूत द्विपक्षीय रिश्तों का उल्लेख करते हुए कहा कि पुतिन का भारत दौरा योजना के तहत हो सकता है. हालांकि, उन्होंने यात्रा की तारीखों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने रूस में कज़ान शहर का दौरा किया था, जहां उन्होंने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया था.

यह भी पढ़ें: रूस की नई परमाणु नीति से क्यों बढ़ा तीसरे विश्व युद्ध का खतरा, समझें पुतिन के फैसले के मायने

यूक्रेन के मामले पर पेसकोव का बयान

जब पेसकोव से पूछा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस में लक्ष्यों पर हमले के लिए लंबी दूरी की मिसाइलों की आपूर्ति करने का निर्णय लिया है, तो पेसकोव ने चेतावनी दी कि इससे संघर्ष में और वृद्धि हो सकती है और युद्ध और भी बढ़ सकता है. 

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उधर, रूसी फेडरेशन की सिक्योरिटी काउंसिल में डिप्टी चेयरमैन और रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा, 'रूस के नए परमाणु सिद्धांत का मतलब है कि हमारे देश के खिलाफ दागी गई नाटो मिसाइलों को रूस पर हमला माना जाएगा. रूस कीव और प्रमुख नाटो ठिकानों के खिलाफ, चाहे वे कहीं भी स्थित हों, WMD (परमाणु हथियार) से जवाबी कार्रवाई कर सकता है. इसका मतलब है तीसरा विश्व युद्ध.'

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