रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है. यूक्रेन से जंग के बीच पुतिन ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि उनकी पॉलिसी भारत और रूस के संबंधों को और मजबूत करने की गारंटी है.
पुतिन ने कहा कि रूस और भारत के संबंध हर तरह से लगातार मजबूत हो रहे हैं और इसकी वजह प्रधानमंत्री मोदी की पॉलिसी है. मैं यह कल्पना भी नहीं कर सकता हूं कि मोदी को भारत के हित के खिलाफ कोई भी फैसला लेने के लिए डराया-धमकाया या मजबूर किया जा सकता है. मैं जानता हूं कि उन पर इस तरह का दबाव है. हालांकि, हमने कभी उनसे इस बार में बात भी नहीं की. मैं सिर्फ बाहर से चीजें देख रहा हूं. सच कहूं तो मैं कई बार भारत और भारतीय लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए मोदी के कड़े रुख को देखकर भी चौंक जाता हूं.
पुतिन ने 'मेक इन इंडिया' की तारीफ की थी
इससे पहले इसी साल जून में एक कार्यक्रम में पुतिन ने मोदी सरकार की 'मेक इन इंडिया' स्कीम की भी जमकर तारीफ की थी. साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को बेहतरीन दोस्त भी बताया था.
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, नरेंद्र मोदी रूस के गहरे दोस्त हैं. पीएम मोदी ने कुछ साल पहले मेक इन इंडिया योजना को लागू किया था. इस योजना का भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ा. अगर हम भी मेक इन इंडिया का अनुकरण करें तो इसमें कोई हानि नहीं है. भले ही यह हमारी योजना नहीं है लेकिन हमारे दोस्त की है.
रूस-भारत की दोस्ती
रूस के साथ भारत की नजदीकियां उस समय से ही मजबूत हैं, जब वो सोवियत संघ हुआ करता था. भारत की आजादी से पहले भी नेहरू की वैचारिक नजदीकी सोवियत संघ के साथ ही थी.
आजादी के बाद भारत और सोवियत संघ की दोस्ती और मजबूत हो गई. लेकिन ये दोस्ती तब और मजबूत हुई, जब 1971 में भारत और पाकिस्तान की जंग हुई. जंग की इस घड़ी में सोवियत संघ ही था, जिसने भारत का साथ दिया. उस समय अमेरिका ने तो पाकिस्तान का ही साथ दिया.
1971 की जंग से कुछ महीने पहले भारत और सोवियत संघ के बीच एक अहम समझौता हुआ था. इसमें सोवियत संघ ने भरोसा दिलाया कि युद्ध की स्थिति में वो न सिर्फ राजनयिक तौर पर बल्कि, हथियारों के मोर्चे पर भी भारत का साथ देगा.
इतना ही नहीं, 1999 में भारत ने जब परमाणु परीक्षण किया तो अमेरिका ने इसका विरोध किया. अमेरिका ने भारत पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए. लेकिन रूस ने ऐसा कुछ नहीं किया.