रूस के राष्ट्रपति Vladimir Putin ने यूरोपीय नेताओं पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें ‘छोटे सूअर’ कहा है. उन्होंने साफ कहा कि रूस यूक्रेन में अपने क्षेत्रीय लक्ष्य हर हाल में हासिल करेगा, चाहे वह कूटनीति के जरिए हो या फिर सैन्य ताकत के बल पर. यह बयान उन्होंने रक्षा मंत्रालय के साथ हुई वार्षिक बैठक के दौरान दिया.
पुतिन ने कहा कि जिसे रूस ‘विशेष सैन्य अभियान’ कहता है, उसके सभी उद्देश्य बिना किसी शर्त के पूरे किए जाएंगे. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर गंभीर बातचीत नहीं होती है, तो रूस अपने ऐतिहासिक इलाकों को युद्ध के मैदान में आजाद करेगा. पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया है, जब यूक्रेन युद्ध को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक प्रयास तेज बताए जा रहे हैं.
पुतिन ने यूरोपीय नेताओं पर तीखा हमला बोला
रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिका पर भी सीधा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अमेरिका के पिछले प्रशासन ने जानबूझकर हालात को सशस्त्र संघर्ष की ओर धकेला. पुतिन के मुताबिक वॉशिंगटन को यह भरोसा था कि रूस को कम समय में कमजोर किया जा सकता है या पूरी तरह नष्ट किया जा सकता है.
इसके बाद पुतिन ने यूरोपीय नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि वे अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति Joe Biden के प्रशासन के साथ खड़े हो गए. पुतिन ने कहा कि यूरोप के छोटे सूअर तुरंत अमेरिका के साथ काम में जुट गए और उन्हें लगा कि रूस के टूटने से उन्हें फायदा होगा.
अमेरिका पर भी लगाए गंभीर आरोप
पुतिन के सख्त बयानों के बीच अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि बर्लिन में यूक्रेन के साथ हुई शुरुआती बातचीत में लगभग 90 प्रतिशत जटिल मुद्दों पर सहमति बन चुकी है. हालांकि यह अब भी साफ नहीं है कि पुतिन अपने बड़े और कड़े मांगों पर कोई समझौता करने को तैयार हैं या नहीं.
पुतिन लगातार यह मांग करते रहे हैं कि यूक्रेन को डोनबास क्षेत्र के उन हिस्सों को भी छोड़ना होगा जो अभी उसके नियंत्रण में हैं. यूक्रेन इस मांग को पूरी तरह खारिज कर चुका है. रूस ने यूक्रेन की सेना पर सख्त सीमाएं लगाने, पश्चिमी सैनिकों की तैनाती पर रोक और पश्चिमी सैन्य मदद खत्म करने की भी मांग रखी है.
रूस की नाटो पर हमला नहीं करेगा
इस दौरान पुतिन ने यह भी दावा किया कि रूस की NATO देशों पर हमला करने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने उल्टा आरोप लगाया कि नाटो 2030 को ध्यान में रखकर रूस के खिलाफ संभावित सैन्य टकराव की तैयारी कर रहा है.