भारत और तुर्कमेनिस्तान ने दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. ये समझौते रक्षा, रासायनिक उत्पादों की आपूर्ति, विदेशी मामलों, खेल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, दवा और पर्यटन क्षेत्र में किए गए हैं. इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुहमदोव के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर बताया कि प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद भारत और तुर्कमेनिस्तान ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए सात समझौते किए. प्रधानमंत्री ने तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति से तापी गैस पाइपलाइन परियोजना को जल्द से जल्द अमल में लाने की वकालत की है. आतंकवाद, संगठित अपराध और गैर कानूनी मादक पदार्थो की तस्करी के खिलाफ कदम उठाने का संकल्प व्यक्त किया.
तापी परियोजना एक महत्वपूर्ण पहल
मोदी ने कहा कि शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान और मध्य एशिया हमारे साझा हित हैं. क्षेत्र में आतंकवाद और उग्रवाद से लड़ाई में भी हमारे साझा उद्देश्य हैं. तापी परियोजना दोनों देशों के संबंधों की एक महत्वपूर्ण पहल है. ईरान से होते हुए गैस पाइपलाइन के लिए भूमि और समुद्री मार्गों की संभावनाओं के विभिन्न विकल्प तलाशे जाने चाहिए. तुर्कमेनिस्तान अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे में शामिल हो जाए.
महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तुर्कमेनिस्तान
उन्होंने कहा, 'हमारे चिरस्थाई और गहन सभ्यता संबंधों से सभी परिचित हैं. मध्य एशिया के साथ भारत के गहन संबंधों में तुर्कमेनिस्तान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उद्योगों में भारत के निवेश को लेकर अच्छी खासी चर्चा हुई. मैंने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे में तुर्कमेनिस्तान को सदस्य बनाने का भी प्रस्ताव रखा है. तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति बरदीमुहमदोव के भारत दौरे को लेकर भी उत्सुक हूं.'