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'मुस्लिम देशों में भी भारत बना रहा पैठ और हम सब गंवाते जा रहे', पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमैट क्यों झुंझलाए

एक तरफ जहां भारत की विदेशी साख हर दिन लगातार बढ़ती जा रही है वहीं, पाकिस्तान अपने आंतरिक मामलों में ही उलझकर रह गया है. भारत अरब देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है जिससे पाकिस्तान की बैचेनी बढ़ती जा रही है. इसे लेकर पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने कहा है कि पाकिस्तान को इस पर कड़ी नजर रखनी होगी.

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पीएम मोदी सातवीं बार यूएई के दौरे पर हैं (Photo- AFP)
पीएम मोदी सातवीं बार यूएई के दौरे पर हैं (Photo- AFP)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय यूएई दौरे की खूब चर्चा है. अपने इस दौरे के आखिरी दिन यानी बुधवार को पीएम मोदी राजधानी अबू धाबी में पत्थरों से बने पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया. साल 2015 के बाद से पीएम मोदी का यह सातवां यूएई दौरा है और पिछले 8 महीने में पीएम तीन बार यूएई जा चुके हैं. इससे पता चलता है कि खाड़ी के इस्लामिक देश यूएई के साथ भारत के रिश्ते कितने मजबूत हो गए हैं.

भारत की विदेश नीति की इस सफलता पर पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक और भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा है कि पाकिस्तान को भारत की मजबूत होती विदेश नीति पर नजर रखनी होगी और ऐसी कोशिश करनी होगी जिससे भारत को फायदा न मिले.

एक तरफ जहां पीएम मोदी यूएई के दौरे पर हैं, वहीं दूसरी तरफ सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे सोमवार से अमेरिका के चार दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरे का मकसद दोनों देशों के बीच गहरे सैन्य सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना है. अमेरिका लगातार कहता रहा है कि भारत उसका सबसे विश्वसनीय सहयोगी है. भारत की बढ़ती विदेशी साख पर अब्दुल बासित ने अपनी झुंझलाहट दिखाते हुए पाकिस्तान को सलाह दी है कि वो भारत से सीख ले.

'भारत दोनों तरफ खेल रहा है'

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अब्दुल बासित ने कहा, 'भारत के आर्मी चीफ अमेरिका के दौरे पर हैं. भारत और अमेरिका के रिश्ते खूब मजबूत हो रहे हैं. भारत रूस-चीन और अमेरिका के बीच जो कुछ हो रहा है, उससे खूब फायदा उठा रहा है... दोनों तरफ खेल रहा है. हमें इस पर कड़ी नजर रखनी होगी... हमें देखना पड़ेगा कि भारत को इसका फायदा न मिले. हमें कोशिश करनी है कि हमारा जो स्पेक्ट्रम है, हमारी जो साख है, वो किसी तरह से भी कमतर न हो, उसकी विश्वसनीयता खत्म न हो.'

इसके साथ ही अब्दुल बासित ने भारत की विदेश नीति की सफलता को लगभग स्वीकारते हुए कहा कि भारत सभी देशों से बनाकर चल रहा है. उसने रूस से एस-400 भी खरीद लिए हैं और अमेरिका से भी रक्षा सहयोग बढ़ा रहा है.

पूर्व राजनयिक ने कहा, 'इन सबकी वजह से हमारे लिए काफी मुश्किलें पैदा हो गई हैं लेकिन हम देश के अंदर ही उलझकर रह गए हैं, कमजोर हो गए हैं...चाहे आर्थिक रूप से हो या फिर राजनीतिक रूप से. अल्लाह ने हमें बहुत सी नेमतें दी हैं लेकिन हम समझ नहीं रहे हैं और सब चीजों को खोते जा रहे हैं.'

'अरब देशों में अपनी पैठ बढ़ा रहा भारत'

पीएम मोदी के यूएई दौरे को लेकर अब्दुल बासित ने कहा कि पीएम मोदी 2015 से अब तक 7 बार यूएई जा चुके हैं और पिछले 8 महीनों में यह उनका तीसरा यूएई दौरा है. उन्होंने कहा कि इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत किस तरह धीरे-धीरे अपनी जगह बढ़ा रहा है खासतौर से अरब देशों में.

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उन्होंने आगे कहा, 'ज्यों-ज्यों भारत का विदेशों में दायरा बढ़ रहा है, पाकिस्तान का घटता जा रहा है. हाल ही में कतर ने मौत की सजा सुनाए 8 भारतीय पूर्व नेवी अफसरों को रिहा कर दिया है. ये भी बताता है कि भारत बड़े ही फोकस तरीके से अरब देशों के साथ अपने रिश्ते बढ़ा रहा है. पाकिस्तान को इससे सीखना चाहिए.'

पीएम मोदी के यूएई दौरे पर रणनीतिक विचारक ब्रह्मा चेलानी ने भी अहम टिप्पणी की है. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'मोदी, जो कि सातवीं बार यूएई जा रहे हैं, उन्होंने यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन सलमान को भाई कहकर उनके साथ एक मजबूत व्यक्तिगत रिश्ता कायम किया है. शेख मोहम्मद अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम कर रहे हैं और एक स्वतंत्र विदेश नीति बना रहे हैं. दिसंबर में उन्होंने पुतिन को होस्ट किया था.'

भारत-यूएई के बीच 10 एमओयू पर हुआ हस्ताक्षर

पीएम मोदी के यूएई दौरे में दोनों देशों के बीच कई अहम समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं जिसकी जानकारी विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने दी है.

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री कल दोपहर यूएई के अपने सातवें दौरे पर अबू धाबी पहुंचे हैं. यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने उनका स्वागत किया और एयरपोर्ट पर उनका औपचारिक स्वागत भी हुआ.'

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विदेश सचिव ने आगे कहा, 'दोनों नेताओं ने मुलाकात की जिसमें भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की गई. इस दौरान दोनों देशों के बीच 10 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए.'

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