अब सुशीला कार्की करेंगी नेपाल का नेतृत्व (Photo: Youtube/@Nepal Television)
नेपाल में Gen Z आंदोलन की वजह से राजनीतिक संकट गहराया हुआ था और इस विरोध के माहौल में सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार की प्रमुख बनाया गया. केपी शर्मा ओली की सरकार गिरने के बाद आंदोलनकारी चाहते थे कि कोई ऐसा नेता नेतृत्व करे जो निष्पक्ष हो और साफ छवि वाला हो. लगभग सभी राजनीतिक दल, सेना, आंदोलनकारी गुटों और राष्ट्रपति की सहमति के बाद सुशीला कार्की का नाम फ़ाइनल हुआ था.
शुक्रवार शाम को संसद को भंग कर दिया गया था. सुशीला कार्की सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी थीं और उनकी पहचान भ्रष्टाचार विरोधी रुख और वंचितों के लिए अलग सोच रखने वाले न्यायाधीश के रूप में रही थी.
सुशीला के शपथग्रहण के बाद कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिशें तेज की गई जाएंगी.
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संसद के दोनों सदनों के प्रमुखों ने शपथग्रहण समारोह का बहिष्कार किया. प्रतिनिधि सभा के स्पीकर देवराज घिमिरे (ओली की पार्टी से) नहीं पहुंचे. राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण दहाल (प्रचण्ड की पार्टी से) भी अनुपस्थित रहे.
इनपुट: पंकज दास
राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने सुशीला कार्की से कहा – “अब देश बचाइए, सफल रहिए.” जवाब में कार्की ने केवल “धन्यवाद” कहकर जवाब दिया, कोई और टिप्पणी नहीं की.
इनपुट: पंकज दाज
आज से पहले नेपाल में ऐसा कभी नहीं हुआ कि देश का नेतृत्व कोई महिला संभाली हो. लेकिन, अब सब कुछ बदल चुका है. सुशीला कार्की की हाथों में नेपाल की कमान सौंप दी गई है.
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सुशीला सरकार की तरफ से 4 मार्च को देश में आम चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया गया है. पहली कैबिनेट बैठक का एजेंडा चुनाव की घोषणा है. मतलब 6 महीने में आम चुनाव कराने की घोषणा होगी.
सुशीला कार्की को राष्ट्रपति ने अंतरिम सरकार की प्रमुख के रूप में शपथ दिला दी है.
शपथग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति रामसहाय यादव, प्रधान न्यायाधीश प्रकाश सिंह रावत मौजूद हैं. वहां पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ बाबूराम भट्टराई, प्रधान सेनापति जनरल अशोक राज सिग्देल, मुख्य सचिव एकनारायण अर्याल भी मौजूद. इसके अलावा काठमांडू के मेयर बालेन शाह भी शपथग्रहण समारोह में उपस्थित हैं.
सुशीला कार्की के शपथ ग्रहण का समय करीब 20 मिनट आगे बढ़ाया गया है. राष्ट्रपति के मीडिया सलाहकार किरण पोखरेल ने बताया कि कुछ तकनीकी कारणों से शपथ ग्रहण का समय बढ़ाया गया.
फिलहाल मंत्रियों के नाम पर चर्चा जारी है. कानून मंत्री के रूप में ओमप्रकाश अर्याल का नाम लगभग तय है. राष्ट्रपति भवन में चल रही चर्चा में अर्याल को सुशीला कार्की के साथ ही शपथ कराने की तैयारी है. कुलमान घीसिंग को भी शीतल निवास बुलाया गया, उनको ऊर्जा मंत्रालय मिल सकता है.
सुशीला कार्की को नेपाल की संविधान की धारा 61 के अनुसार अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया है. नेपाल के संविधान में सरकार का गठन धारा 76 के मुताबिक होता है लेकिन कार्की को धारा 61 के मुताबिक नियुक्त किया गया.
संविधान की धारा 61 राष्ट्रपति के काम कर्तव्य और अधिकार के बारे में व्याख्या करता है. धारा 61 के उपधारा 2 के मुताबिक राष्ट्रपति अपने कार्य का संपादन करेंगे. उपधारा 4 के मुताबिक राष्ट्रपति का प्रमुख कर्तव्य संविधान का पालन और संरक्षण करना है.
धारा 76 में प्रधानमंत्री नियुक्ति के लिए संसद सदस्य होना, संसद में बहुमत साबित करना लिखा हुआ है. चूंकि संसद भंग करने की बात है इसलिए दूसरे धारा का प्रयोग कर अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया है.
नेपाल में संसद भंग करने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और विडंबनापूर्ण बताया है. ओली की पार्टी के महासचिव शंकर पोखरेल ने कहा कि संसद के भंग करने का का यह फैसला पूरी तरह अस्वीकार्य है और इसे रोकने की आवश्यकता है. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील की है कि वे इस फैसले के खिलाफ संगठित और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें.

इनपुट: पंकज दास
सुशीला के शपथ ग्रहण समारोह में GenZ कोर कमिटी के सदस्य उपस्थित रहेंगे. GenZ अंतरिम सरकार में कैबिनेट मंत्री नहीं बनेंगे, वे केवल अंतरिम सरकार के कामकाज की निगरानी करेंगे. पहले बैच में तीन कैबिनेट मंत्री कार्की की मदद करेंगे. ये जानकारी सूत्रों के हवाले से आयी है.
इनपुट: अमित भारद्वाज
सुशीला कार्की नेपाल के अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने जा रही हैं. उन्होंने 2016 में प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली थी और नेपाल की पहली प्रधान न्यायाधीश बनी थीं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कड़ा रुख़ अपनाया था. वे निष्पक्ष न्याय के लिए प्रेरणास्रोत मानी जाती हैं.
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वरिष्ठ अधिवक्ता ओमप्रकाश अर्याल को मंत्री पद सौंपे जाने की तैयारी चल रही है. अर्याल वर्तमान में राष्ट्रपति भवन में मौजूद हैं. ये जानकारी सूत्रों के हवाले से आयी है.
इसके साथ ही, Gen-Z आंदोलन के प्रतिनिधि भी सरकार के साथ संवाद के लिए शामिल किए जाने की संभावना है, जिसमें एक या दो प्रतिनिधि सहभागी होंगे.
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सुशीला कार्की के शपथग्रहण के बाद राष्ट्रपति भवन में उनकी पहली कैबिनेट बैठक आयोजित की जाएगी. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में छोटा मंत्रिमंडल बनाने का निर्णय लिया जा सकता है. इसके अलावा, न्यायिक जांच आयोग और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक शक्तिशाली आयोग बनाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा होने की संभावना है. यह कदम सरकार की प्राथमिकताओं और प्रशासनिक कार्यवाही को तेजी से लागू करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है.
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नेपाल में वर्तमान तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सरकार ने 'संकटकाल' लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है. सुरक्षा उपायों को बढ़ाते हुए पूरे देश में सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है. सूत्रों के अनुसार, आज की पहली कैबिनेट बैठक में सुशीला कार्की की अध्यक्षता में देश की स्थिति पर चर्चा कर संकटकाल लगाने की सिफारिश की जाएगी. इसके बाद राष्ट्रपति इसे रात 12 बजे से लागू करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे.
नेपाल के संविधान की धारा 273 के तहत, यदि देश में युद्ध, प्राकृतिक आपदा, सशस्त्र विद्रोह या किसी भी प्रकार की गंभीर विपत्ति आती है, तो राष्ट्रपति सरकार की सिफारिश पर अधिकतम छह महीने तक संकटकाल लागू कर सकते हैं.
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