पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान करीब एक महीने पहले जब व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हाथ मिला रहे थे, तो उन्होंने शायद सोचा नहीं होगा कि ये खुशी सिर्फ चंद दिनों के लिए है. 22 जुलाई को इमरान खान, डोनाल्ड ट्रंप से मिले और ट्रंप ने कश्मीर मसले पर कुछ ऐसा कहा, जिससे इमरान खान खुश हो गए. अब ठीक एक महीने बाद 26 अगस्त को जब फ्रांस में नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप मिले तो इमरान खान का मानो दिल ही टूट गया.
मोदी-ट्रंप की यारी पाकिस्तान पर भारी
फ्रांस में हुई G-7 समिट से इतर जब डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी मिले तो हर किसी की नज़र इस पर थी कि कश्मीर पर क्या बात होगी. और कुछ ऐसा ही हुआ, जो हुआ वो सबसे बड़ी खबर बन गई. नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के सामने दुनिया की मीडिया को बताया कि भारत-पाकिस्तान के बीच जो भी मसले थे, वो द्विपक्षीय हैं. ऐसे में किसी तीसरे देश को कष्ट देने की जरूरत नहीं है.
खुद डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ कश्मीर मसले पर बात की है और उन्होंने भरोसा दिलाया है कि कश्मीर में सबकुछ कंट्रोल में है.
यानी जो डोनाल्ड ट्रंप अभी तक कह रहे थे कि कश्मीर एक बड़ी समस्या है और वह इसमें मध्यस्थता करना चाहते हैं, नरेंद्र मोदी के सामने आते ही उन्होंने दो टूक कहा कि कश्मीर में सबकुछ ठीक है. अभी तक डोनाल्ड ट्रंप कई बार मध्यस्थता की बात करते आए थे, लेकिन अब पीएम मोदी ने उनके सामने ही कह दिया कि ये हमारा मसला है, आप कष्ट ना ही करें तो बेहतर.
#WATCH France: US President Donald Trump jokes with Prime Minister Narendra Modi during the bilateral meeting on the sidelines of #G7Summit. Trump says, "He (PM Modi) actually speaks very good English, he just doesn't want to talk" pic.twitter.com/ee66jWb1GQ
— ANI (@ANI) August 26, 2019
... खाली हाथ इमरान खान
इमरान खान जुलाई महीने में जब व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से मिले तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि वह कश्मीर मसले पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं, उन्होंने इसके लिए नरेंद्र मोदी से भी बात की है. बस, इस बयान को इमरान खान ने अपनी जीत माना था और अपने मुल्क में इसी तरह पेश भी किया था.
लेकिन अब जब ठीक एक महीने बाद फ्रांस में ट्रंप और मोदी मिल रहे थे, तब इमरान खान अपने देश को संबोधित कर रहे थे और कश्मीर के मसले पर आधे-आधे घंटे विरोध में खड़ा होने की बात कर रहे थे. साफ है कि इमरान खान जो उम्मीद लगाए बैठे थे कि दुनिया उनके साथ खड़ी होगी, उसका बिल्कुल उल्टा ही हुआ. यहां तक कि कई मुस्लिम देशों ने भी अनुच्छेद 370 को हटाने को भारत का आंतरिक मसला बता दिया है.
मोदी-ट्रंप की ताली की गूंज बहुत दूर तक जाएगी
जम्मू-कश्मीर के मसले पर भारत ने कूटनीति के मामले में पाकिस्तान को हर मोर्चे पर मात दी. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की अपील पिट गई, G-7 में भी कश्मीर मसले पर पाकिस्तान चित्त हो गया, साथ ही साथ कई मुस्लिम देशों ने भी जम्मू-कश्मीर के मसले पर भारत का साथ ही दिया. सोमवार को जब डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी के बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में गजब की केमेस्ट्री देखने को मिली तो लगा कि हर किसी ने इसकी मिसाल दी और दो ताकतवर देशों के प्रमुखों के बीच की दोस्ती का जिक्र किया.