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FBI का मोस्ट वांटेड-5 मिलियन डॉलर का इनाम, वो 'डेड' आतंकी जो अब 'जिंदा' हो गया!

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की आखिरी बैठक से पहले पाकिस्तान ने कथित तौर पर FATF को बताया था कि उसने साजिद मीर को गिरफ्तार करके मुकदमा चलाया है. पाकिस्तान की इस कार्रवाई को एफएटीएफ का ग्रे लिस्ट से निकालने की कोशिश के तौर पर माना जा रहा है.

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2008 के मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे.
2008 के मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • साजिद मीर अप्रैल में गिरफ्तार हुआ था, अभी लखपत जेल में बंद
  • मुंबई हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है साजिद मीर

पाकिस्तान का नापाक झूठ एक बार फिर उजागर हो गया है. 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड साजिद मीर (45  साल) जिंदा है और उसे पाकिस्तान की एक एंटी टेररिजम कोर्ट ने 15 साल की कैद की सजा सुनाई है. साजिद मीर FBI (Federal Bureau of Investigation) का मोस्ट वांटेड आतंकी है और उस पर 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा गया है. इससे पहले ISI आतंकी साजिद मीर की मौत होना बताकर गुमराह करता आ रहा है. 

साजिद मीर को कोर्ट ने 2008 के मुंबई हमले के एक हैंडलर को आतंकी फंडिंग के मामले में 15 साल से ज्यादा की जेल की सुना सुनाई है. लश्कर और जमात-उद-दावा से जुड़े आतंकी फंडिंग के मामले देखने वाले एक सीनियर वकील ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में लाहौर में एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के कार्यकर्ता साजिद मजीद मीर को कोर्ट ने 15 साल की जेल की सजा सुनाई है. मीर पर चार लाख से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया गया है. 

बंद कमरे में हुई सुनवाई

हालांकि, पंजाब पुलिस के आतंकरोधी विभाग (सीटीडी) ने साजिद मीर की सजा को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं की है. आतंकरोधी विभाग ही ज्यादातर मामलों में दोषियों को सजा मिलने की जानकारी मीडिया से शेयर करता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, साजिद मीर के केस की सुनवाई एक बंद कमरे में हुई. यहां मीडिया को आने की इजाजत नहीं दी गई. वकील ने ये भी बताया कि साजिद मीर को इसी साल 7 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. तब से वह कोर्ट लखपत जेल में बंद है. ISI के दावे के बाद माना जा रहा था कि साजिद मीर की मौत हो गई है.

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एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकलने की कोशिश

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की आखिरी बैठक से पहले पाकिस्तान ने कथित तौर पर FATF को बताया था कि उसने साजिद मीर को गिरफ्तार करके मुकदमा चलाया है. पाकिस्तान की इस कार्रवाई को एफएटीएफ का ग्रे लिस्ट से निकलने की कोशिश के तौर पर माना जा रहा है. FATF ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा था और इस्लामाबाद से मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए एक कार्य योजना लागू करने को कहा था. बताते चलें कि अब तक पाकिस्तान मुंबई हमले के दोषियों को सजा दिलाने के नाम पर गुमराह करता रहा है. पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के बारे में भी झूठ बोल रहा है और दावा कर रहा है कि अजहर लापता है. उसका कुछ पता नहीं चल रहा है.

साजिद पर 50 लाख डॉलर इनाम

अब मुंबई हमले के 13 साल बाद आतंकी साजिद मीर के बारे में हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है. साजिद मीर ने ही डेविड कोलमैन हेडली और बाकी आतंकवादियों के साथ मुंबई में आतंकवादी हमले की प्लानिंग की थी. उसे लश्कर के सरगना हाफिज मोहम्मद सईद का करीबी माना जाता है. साजिद मीर पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर इनाम रखा गया है. 

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बता दें कि मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे. इनमें मुख्य रूप भारतीय, छह अमेरिकी और जापान समेत कई जगहों के टूरिस्ट भी शामिल थे. साजिद मीर को मुंबई हमलों का प्रोजेक्ट मैनेजर माना जाता है. साल 2005 में साजिद मीर फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत आ गया था. उसने अपना नाम भी गलत लिखाया था. साजिद मीर को भारत ही नहीं, अमेरिका भी 13 साल से खोज रहा है. एफबीआई (Federal Bureau of Investigation) ने उस पर 50 लाख डॉलर का इनाम भी घोषित किया था.

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