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ब्रिटिश कोलंबिया के एक कोर्ट केस से कनाडा में छिड़ी सहमति से सेक्स की उम्र पर बहस

ब्रिटिश कोलंबिया की अदालत में 13 साल के लड़के को 11 साल की लड़की से यौन उत्पीड़न केस में बरी किए जाने के बाद कनाडा में नई बहस छिड़ गई है. फैसले ने यह बड़ा सवाल खड़ा किया है- नाबालिगों के बीच रिश्तों में ‘सहमति’ की असली उम्र और समझ को कैसे परखा जाए?

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अदालत का वो फैसला जिसने कनाडा में ‘Age of Consent’ कानून पर बहस छेड़ दी. (Photo-AI)
अदालत का वो फैसला जिसने कनाडा में ‘Age of Consent’ कानून पर बहस छेड़ दी. (Photo-AI)

ब्रिटिश कोलंबिया में नाबालिगों के बीच यौन संबंध से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. अदालत ने 13 साल के एक लड़के को बरी कर दिया, जिस पर 11 साल की लड़की ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. यह मामला कनाडा के “Age of Consent” यानी सहमति की उम्र से जुड़े कानूनी नियमों और उनके अपवादों पर नई बहस खड़ी कर रहा है. यह फैसला जुलाई 2025 में एक प्रांतीय अदालत ने सुनाया था, जिसे हाल ही में ऑनलाइन जारी किया गया है. कानूनी प्रावधानों के तहत अदालत और शहर का नाम गोपनीय रखा गया है क्योंकि आरोपी और पीड़िता दोनों नाबालिग हैं.
 
कनाडा में क्या है ‘सहमति की उम्र’?
कनाडा में कानूनी रूप से यौन संबंध की सहमति की उम्र 16 साल है. 18 साल से कम उम्र के बच्चे किसी ऐसे व्यक्ति से संबंध नहीं बना सकते जिसके पास उन्हें लेकर कोई शक्ति, अधिकार या भरोसा हो. जैसे शिक्षक-छात्र, कोच-खिलाड़ी, बॉस-सहकर्मी. “क्लोज-इन-एज” (Close-in-age) अपवाद के तहत, 14 या 15 साल के बच्चे किसी ऐसे व्यक्ति से संबंध बना सकते हैं जो उनसे 5 साल तक बड़ा हो. 12 या 13 साल के बच्चे किसी ऐसे व्यक्ति से संबंध बना सकते हैं जो उनसे 2 साल तक बड़ा हो. 12 साल से कम उम्र के बच्चे किसी भी हालत में सहमति नहीं दे सकते.

‘थोड़ा डेटिंग जैसा रिश्ता’
अदालती दस्तावेज़ों के अनुसार, लड़का (13 साल) और लड़की (11 साल) की मुलाकात अप्रैल 2023 के आखिर में सोशल मीडिया पर हुई थी. दोनों अलग-अलग मिडिल स्कूलों में पढ़ते थे- लड़का ग्रेड 7 में और लड़की ग्रेड 6 में. दोनों के बीच सोशल मीडिया पर लंबी चैटिंग हुई और वे दो-तीन बार मिले. लड़की ने अदालत में कहा कि यह रिश्ता “थोड़ा डेटिंग जैसा था, लेकिन आधिकारिक नहीं.”
 
CCTV में कैद हुई पहली मुलाकात
मई 2023 के अंत में दोनों एक रिक्रिएशन सेंटर के पास मिले. वहां की CCTV फुटेज में दोनों को किस और गले लगते हुए देखा गया. जज डैनी सुदेको के अनुसार, वीडियो में दोनों के बीच कुछ आपत्तिजनक हरकतें भी दर्ज थीं. वीडियो में यह भी दिखा कि लड़की ने ऊपर लगे कैमरे को देखा और लड़के को दिखाया. दोनों कुछ झिझकते हुए वहां से हट गए.
 
सीढ़ियों पर हुई दूसरी मुलाकात
इसके कुछ दिन बाद दोनों एक सीढ़ियों वाले हिस्से (stairwell) में मिले, जहां कैमरा पूरी तरह नहीं पहुंच पा रहा था. फुटेज में सिर्फ इतना दिखा कि दोनों अंदर गए, थोड़ी देर बाद बाहर आए और बीच में फोन देखते रहे. लड़की का आरोप था कि कैमरे से बाहर लड़के ने जबर्दस्ती की और अनुचित शारीरिक संपर्क बनाया. वहीं, लड़के का कहना था कि सब आपसी सहमति से हुआ और उसने लड़की को न तो जाने से रोका, न कोई दबाव बनाया.
 
‘I love you’ और पुलिस शिकायत
अदालत के रिकॉर्ड के मुताबिक, मुलाकात के बाद लड़की ने जाते वक्त लड़के से ‘I love you’ कहा, और लड़के ने भी वही जवाब दिया. हालांकि, पुलिस को दिए शुरुआती बयान में लड़की ने यह बात छिपाई थी, जिसे बाद में जिरह में स्वीकार किया. अगले दिन लड़की की सहेलियों ने उसे बताया कि लड़का दूसरी लड़कियों से भी बात कर रहा है और इसका एक वीडियो भेजा. इससे वह नाराज़ और दुखी हुई. फिर उसने अपनी दादी को सारी बात बताई, जिन्होंने उसे पुलिस स्टेशन ले जाकर शिकायत दर्ज कराई.
 
पुलिस जांच में लापरवाही
जज सुदेको ने अपने फैसले में लिखा कि पुलिस अधिकारी ने पूछताछ के दौरान लड़की की उम्र और उसकी कानूनी सहमति की क्षमता पर ध्यान नहीं दिया. पूछताछ का फोकस सिर्फ इस बात पर रहा कि लड़की ने ‘हां’ कहा था या नहीं.

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लड़की ने पुलिस को बताया कि लड़का 13 साल का है, लेकिन यह नहीं बताया कि उसने अपनी उम्र लड़के को बताई थी या नहीं. यही बिंदु बाद में मुकदमे का अहम मुद्दा बना.

कोर्ट का फैसला आया कि ‘लड़के को नहीं था पता कि लड़की 12 से छोटी है’ लड़के ने अदालत में कहा कि उसे लगा लड़की 11 साल से बड़ी है. जज डैनी सुदेको ने माना कि लड़की द्वारा लगाए गए “जबरदस्ती वाले शारीरिक संपर्क” के आरोप हो भी सकते हैं, लेकिन लड़के का साफ-सुथरा बयान, मैसेज, और अन्य सबूतों से यह साबित नहीं हुआ कि कोई यौन शोषण हुआ था.

जज ने कहा कि “भले ही लड़की 11 साल की थी, लेकिन अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि लड़के को उसकी असली उम्र पता थी.” कोर्ट ने यह भी माना कि दोनों की उम्र में फर्क बहुत कम था, इसलिए लड़का यह मान सकता था कि लड़की इतनी बड़ी है कि सहमति दे सके.
 
मामला बना चर्चा का विषय
यह मामला कनाडा के Age of Consent कानून और उसके “क्लोज-इन-एज” अपवाद पर सवाल उठाता है. कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला इस बात पर नई बहस छेड़ सकता है कि नाबालिगों के बीच संबंधों में “इरादा” और “उम्र की समझ” को अदालतें कैसे देखेंगी.

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